तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी की मौत के मामले की अब सीबीआइ करेगी जांच, मृतक की मां ने याचिका देकर की थी जांच की मांग

याचिका में यह भी कहा गया है कि मौत से एक दिन पहले श्रीकांत ने अपनी बहन को फोन कर कहा था कि उसे जेल में मारने की कोशिश हो रही है। श्रीकांत को कोविड महामारी अंतरिम राहत योजना के तहत जमानत भी मंजूर हुई थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 03:24 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:24 PM (IST)
तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी की मौत के मामले की अब सीबीआइ करेगी जांच, मृतक की मां ने याचिका देकर की थी जांच की मांग
कुछ विचाराधीन कैदियों ने क्रिकेट बैट से की थी पिटाई।

नई दिल्ली, [सुशील गंभीर]। लूट के मामले में तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी की मौत के मामले की अब सीबीआइ जांच होगी। दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने मृतक की मां की याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में हत्या का आरोप लगाया गया था। हालांकि पुलिस ने भी हत्या का केस दर्ज किया था, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने मृतक के शरीर पर किसी भी तरह की चोट से इन्कार करते हुए रिपोर्ट दायर की थी। दिल्ली पुलिस ने श्रीकांत उर्फ पप्पू नाम के व्यक्ति को लूट के मामले में गिरफ्तार किया था। 13 जून 2019 से वह तिहाड़ जेल में बंद था।

याचिका में कहा गया है कि 14 मई 2021 को श्रीकांत की तबीयत खराब होने पर उसे डीडीयू अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी। मृतक की फोटो और वीडियो देखने पर पता चलता है कि उसे शरीर पर चोट के गहरे निशान थे। याचिका में यह भी कहा गया है कि मौत से एक दिन पहले श्रीकांत ने अपनी बहन को फोन कर कहा था कि उसे जेल में मारने की कोशिश हो रही है। श्रीकांत को कोविड महामारी अंतरिम राहत योजना के तहत जमानत भी मंजूर हुई थी, लेकिन उसे बाहर नहीं आने दिया गया। इस याचिका पर हाई कोर्ट ने जेल प्रबंधन से जवाब मांगा था। जिसमें कहा गया था कि मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन न्यायिक हिरासत में मौत होने के चलते हरि नगर थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया है।

हाई कोर्ट ने पाया कि जेल प्रशासन की तरफ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट दायर नहीं की गई है। वहीं जेल अधिक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक घटना वाली सुबह करीब 7 बजे वार्डर ने बैरक नंबर 4 से किसी के चीखने की आवाज सुनी थी। जब जेल कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो पाया कि अरुण, आकाश, हनी, गनपत सहित कई अन्य विचाराधीन कैदी श्रीकांत को क्रिकेट बैट से मार रहे थे और उसके शरीर से खून बह रहा था। फुटेज सहेजने का आदेश हाई कोर्ट ने पाया कि जेल प्रशासन अपनी एक रिपोर्ट में कह रहा है कि मृतक को ऐसी चोट नहीं लगी थी कि मौत हो जाए।

वहीं याचिकाकर्ता गहरे घावों का दावा कर रही है। ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआइ को ही करनी चाहिए। जेल प्रशासन को आदेश दिया गया है कि सभी सीसीटीवी फुटेज और फोटो सहेज लिए जाएं। सीबीआइ इस संबंध में केस दर्ज कर जांच शुरू करे और 29 सितंबर को प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें।

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