बच्चे की तरक्की और खुशी चाहते हैं, तो प्रेरित करें उसे अपनी पसंद की राह पर आगे बढ़ने के लिए....

अपनी संतान की पसंद को समझते हुए उसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए साथ दें तो वह उत्साह से कामयाबी की राह पर आगे बढ़ सकता है। इसी से जुड़े पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे हैं हमारे काउंसलर...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 12:03 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 12:03 PM (IST)
बच्चे की तरक्की और खुशी चाहते हैं, तो प्रेरित करें उसे अपनी पसंद की राह पर आगे बढ़ने के लिए....
पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे हैं हमारे काउंसलर अरुण श्रीवास्तव...

नई दिल्‍ली, अरुण श्रीवास्तव। किशोरों-युवाओं को अक्सर इस बात को लेकर दुविधा होती है कि भविष्य में बेहतर करियर के लिए उनके लिए क्या पढ़ना ठीक होगा। अक्सर उनकी रुचि जिस क्षेत्र में होती है, उससे जुड़ा कोर्स करने के बजाय उन्हें वह पढ़ना पड़ता है, जो उनके माता-पिता चाहते हैं। ऐसे में अभिभावकों को यह समझना होगा कि पसंद का क्षेत्र न होने के कारण उनका बच्चा उसमें बेहतर प्रदर्शन शायद न कर पाए। इसी से जुड़े पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे हैं हमारे काउंसलर...

बीटेक (सीएसई) थर्ड सेमेस्टर का छात्र हूं। मेरी प्रारंभ से ही मैथ्स में रुचि रही है। मेरे माता-पिता चिकित्सक हैं। ऐसे में क्या मेरा इंजीनियरिंग व कंप्यूटर फील्ड में जाना गलत निर्णय है? क्या मुझे भी अपने परिवार की तरह चिकित्सा के क्षेत्र को ही चुनना चाहिए था? क्या मेरा भविष्य चिकित्सा के क्षेत्र में ही अधिक उज्जवल होता? कृपया मार्गदर्शन करें।

-मनु, बुलंदशहर, ईमेल से

यदि आपकी रुचि चिकित्सा क्षेत्र में नहीं है, तो मुझे नहीं लगता कि इस बात को लेकर आपको परेशान होने की जरूरत है। आप खुद को अपनी पसंद के क्षेत्र में कहीं बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं। जिस क्षेत्र में काम करके आपको खुशी मिल सकती है, उसमें आगे लगातार उत्साह के साथ काम कर सकते हैं। जरूरत हो, तो इस बारे में अपने माता-पिता को भी आश्वस्त करने का प्रयास करें।

क्या बीपीएससी और बैंकिंग की तैयारी एक साथ कर सकते हैं?

-दीक्षा कुमारी, ईमेल से

बीपीएससी और बैंकिंग की तैयारी बिल्कुल अलग पैटर्न पर है। बीपीएससी में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन सहित अपने द्वारा चुने गए ऐच्छिक विषय की गहन तैयारी करनी होती है। प्रारंभिक परीक्षा में जहां वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं, वहीं मुख्य परीक्षा में निबंधात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। जहां तक बैंकिंग की बात है तो इसमें गणित, अंग्रेजी, तर्कशक्ति परीक्षण यानी रीजनिंग पर विशेष जोर होता है और इनसे संबंधित सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं। यदि आप इन दो अलग-अलग तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में रुचि रखती हैं और आपको लगता है कि आप समुचित समय प्रबंधन करते हुए दोनों की साथ-साथ तैयारी कर सकती हैं, तो ऐसा कर सकती हैं।

मैंने बारहवीं कला वर्ग से किया है। आइएएस बनना चाहता हूं। कृपया बताएं कि मैं किस तरह तैयारी करूं?

-निखिल पांडेय, ईमेल से

यह अच्छी बात है कि आप अभी से इस परीक्षा की तैयारी के बारे में सोच रहे हैं। फिलहाल आपको एनसीईआरटी की छठीं से बारहवीं तक की सभी विषयों की किताबों को अच्छी तरह से समझते हुए पढ़ना चाहिए। साथ ही देश-विदेश की समसामयिक घटनाओं को जानने, समझने और उनके प्रति तटस्थ विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का विश्वसनीय समाचार पत्र भी नियमित रूप से पढ़ना चाहिए।

इस प्रक्रिया में आगे बढ़ते हुए कुछ समय बाद आप यूपीएससी की वेबसाइट से सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा) को डाउनलोड करके अपने पास रख लें और उसका अच्छी तरह अवलोकन करते रहें। इसके साथ सिविल सेवा परीक्षा के पिछले पांच वर्षों के प्रश्नपत्रों को भी जुटा लें और उनका अवलोकन करते हुए देखें कि कहां से किस तरह के ओर कितने प्रश्न पूछे जा रहे हैं। अपनी तैयारी के क्रम में मॉक पेपर्स की सहायता से प्रश्नों को हल करने का लगातार अभ्यास भी करते रहें। मेहनत और लगन के साथ धैर्यपूर्वक आगे बढ़ेंगे, तो कामयाबी अवश्य मिलेगी।

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