ऐसे बनाएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर, जॉब्स के बढ़ रहे मौके; आकर्षक सैलरी
कोरोना संकट के बीच इस बार जापान के टोक्यो में हो रहे र्ओंलपिक में दुनिया की उन्नत तकनीकों का उपयोग हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ है। मुख्य आकर्षणों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) है जिसका इस्तेमाल हाल के दिनों में हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल 2021 की तर्ज पर इस बार के र्ओंलपिक में भी खाली स्टेडियमों में माहौल बनाने के लिए च्वर्चुअल फैन वॉल्सज् का उपयोग हो रहा है। इस तकनीक की मदद से दर्शक वर्चुअली स्टेडियम में उपस्थिति रहकर और वेन्यू के भीतर वीडियो वॉल और च्चीयर मैपज् की मदद से आभाषी रूप में खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, इस बार के खेलों की एनालिसिस भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से की जा रही है।
कुल मिलाकर, टोक्यो र्ओंलपिक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), वर्चुअल रियलिटी, रोबोटिक्स और 5जी तकनीक का बड़ा ही अहम रोल देखने को मिल रहा है। आजकल देश-दुनिया में तमाम सरकारें और संस्थाएं एआइ तकनीक पर जोर दे रही हैं ताकि हेल्थकेयर, कृषि, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में इसका बेहतर उपयोग किया जा सके। एआइ तकनीक आधारित गूगल असिस्टेंट, अलेक्सा या फिर रोबोट्स ने घर-आफिसों में भी बहुत कुछ आसान बना दिया है। यही वजह है कि इस फील्ड में संभावनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं।
क्या है एआइ: एआइ आज की तकनीकी दुनिया की अत्यधिक उन्नत तकनीकों में से एक है। इन दिनों एआइ की क्षमता से हम सभी रूबरू कराने और समाज की तमाम समस्याओं को कैसे इस तकनीक के माध्यम से दूर किया जा सकता है, इसकी दिशा एआइ अनुसंधान फर्म ओपन एआइ काफी काम कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दरअसल सूचना विज्ञान (इंफामेटिक्स) की ही एक शाखा है। इसका इस्तेमाल कंप्यूटर प्रोग्राम विकसित करने में होता है। एक ऐसा प्रोग्राम जिसके लिए मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है ताकि किसी कार्य को अलग तरीके से किया जा सके। एआइ अल्गोरिदम सीखने, पहचानने,समस्या-समाधान, भाषा, लाजिकल रीजनिंग, डिजिटल डाटा प्रोसेसिंग,बायोइंफार्मेटिक्स तथा मशीन बायोलाजी आदि से कुशलतापूर्वक निपट सकता है। रोबोटिक्स भी एआइ का ही एक क्षेत्र है, जो प्रोग्रामिंग मशीन की मदद से एक साथ कई कार्य आटोमैटिक/सेमी आटोमैटिक तरीके से कर सकता है। एआइ की मदद से ही रोबोट्स के गतिविधियों को नियंत्रित भी किया जाता है।
जॉब्स के बढ़ते मौके: गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के आखिर तक करीब 23 लाख नौकरियां एआइ के क्षेत्र में सृजित हुई हैं। इतना ही नहीं, पिछले तीन वर्षों में एआइ के क्षेत्र में रिक्तियां दोगुनी हो गई हैं। सभी के हाथों में स्मार्टफोन आने से इस तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। एआइ में कुशल युवाओं के लिए गेम प्रोग्रामर, रोबोटिक साइंटिस्ट, साफ्टवेयर डेवलपर या फिर एआइ एक्सपर्ट के रूप में कई तरह के करियर स्कोप हैं। ऐसे प्रोफेशनल सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों की कंपनियों में आकर्षक पैकेज पर नौकरी पा सकते हैं। माइक्रोसाफ्ट, इंटेल, एचसीएल जैसी आइटी कंपनियों में रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट के तौर पर अपने लिए जॉब तलाश सकते हैं। इसके अलावा,इसरो और नासा भी अपने यहां रोबोटिक्स के स्पेशलिस्ट की नियुक्तियां किया करती हैं। ई-कामर्स से लेकर चिकित्सा, इंजीनियरिंग, बैंकिंग, डाटा एनालिसिस आदि के क्षेत्र में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। विदेश में भी ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है। देश और दुनिया में आटोमोशन के कारण नौकरियों में होने वाली कमी को लेकर चिंतित हैं, तो एआइ, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन आदि स्किल में खुद को पारंगत बनाकर न सिर्फ चिंतामुक्त हो सकते हैं, बल्कि आकर्षक पैकेज का आफर भी हासिल कर सकते हैं।
कोर्स एवं योग्यताएं: देश के कई संस्थानों में इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बीटेक के रूप में फुलटाइम डिग्री कोर्स कराए जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर विश्वविद्यालय और आटोनोमस दर्जा प्राप्त इंस्टीट्यूट शामिल हैं। इस चार वर्षीय कोर्स में एआइ में स्पेशलाइजेशन कराने के अलावा ब्लॉकचेन तकनीक की भी बेसिक जानकारी दी जाती है। यह कोर्स पीसीएम विषयों से 12वीं के बाद किया जा सकता है। इसी तरह सी-डैक जैसे संस्थानों द्वारा आनलाइन भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कराया जा रहा है। डिप्लोमा स्तर पर आटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स करने के लिए कंप्यूटर साइंस, आइटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में डिग्री होना आवश्यक है। कुल मिलाकर, इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स की मैथ पर मजबूत पकड़ होना जरूरी है।
आकर्षक सैलरी: इन दिनों एआइ की गिनती हाईपेइंग जॉब में होती है। यहां फ्रेश प्रोफेशनल्स को भी शुरुआत में 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये प्रतिमाह सैलरी ऑफर हो रही है। अगर आप मल्टीनेशनल कंपनियों को ज्वॉइन करते हैं, तो वहां आपको और अच्छा पैकेज मिल सकता है।
प्रमुख संस्थान
आइआइटी, खड़गपुर, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, मद्रास, गुवाहाटी, रुड़की
www.iit.ac.in
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
www.iisc.ernet.in
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
www.nsit.ac.in
नोएडा इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा
www.niet.co.in
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी
www. bits-pilani.ac.in
हर क्षेत्र में है एआइ की जरूरत : ग्रेटर नोएडा एनआइईटी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट रमन बत्रा ने बताया कि एआइ आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, जिसके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। हम रोजाना आफिस तक जाने, रेस्तरां तलाशने, समाचार अपडेट, आनलाइन खरीदारी और यहां तक की इंटरनेट मीडिया पर आने वाली अनुशंसाओं के लिए भी एआइ का उपयोग करते हैं। एआइ से गलती होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं और काम को ज्यादा शुद्धता से करने में मदद मिलती है। डाटा प्रोसेसिंग और मैनेजमेंट जैसे कार्यों के लिए वित्तीय संस्थानों और बैंकों में इस तकनीक का काफी उपयोग हो रहा है। पिछले तीन साल में इस फील्ड में नौकरियां भी दोगुनी तेजी से बढ़ी हैं। इस फील्ड में अभी सबसे अधिक नौकरियां प्राइवेट कंपनियों,सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, हेल्थकेयर इंडस्ट्री, एजुकेशन और सरकारी संस्थानों में सामने आ रही हैं।