Aravali Encroachment News: दिल्ली से सटे फरीदाबाद के अरावली में पहाड़ की चकबंदी का आदेश रद
Aravali Encroachment News हरियाणा सरकार ने यह आदेश अरावली की तलहटी में बसे गांव कोट के निवासियों की शिकायत पर रद किया है। इससे अब गांव की 3184 एकड़ गैर मुमकिन पहाड़ (पहाड़ का ऐसा क्षेत्र जिस पर खेती नहीं की जा सकती और इसकी खरीद-फरोख्त भी नहीं की सकेगी।
नई दिल्ली/फरीदाबाद [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने अरावली क्षेत्र की वन भूमि की चकबंदी पर भी रोक लगा दी है। फरीदाबाद के खोरी गांव में वन क्षेत्र की भूमि से अतिक्रमण हटाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है। हरियाणा सरकार ने यह आदेश अरावली की तलहटी में बसे गांव कोट के निवासियों की शिकायत पर रद किया है। इससे अब गांव की 3184 एकड़ गैर मुमकिन पहाड़ (पहाड़ का ऐसा क्षेत्र जिस पर खेती नहीं की जा सकती और इसकी खरीद-फरोख्त भी नहीं की जा सकती) की चकबंदी नहीं हो सकेगी। सरकार ने आदेश में माना है कि वन क्षेत्र में गैर मुमकिन पहाड़ की चकबंदी से बाहरी खरीददारों को अनुचित लाभ मिल सकता था।इससे पहले राज्य सरकार ने एक फरवरी 2019 को जारी चकबंदी अधिसूचना को क्रियान्वित कराने के लिए 16 अप्रैल 2021 को नए आदेश जारी किए थे।
चकबंदी निदेशक आमना तस्नीम ने इन आदेशों को रद करने संबंधी आदेश जारी किए हैं। उन्होंने आदेश में यह भी कहा है कि चकबंदी अधिनियम का उद्देश्य कृषि जोत को समेकित करना है। इससे कृषि की बेहतरी होती है। गैर मुमकिन पहाड़ की चकबंदी का आदेश इस उद्देश्य को पराजित करता है। इसलिए इसे वापस लिया जा रहा है।बता दें, गांव कोट के निवासी चकबंदी के खिलाफ थे और ग्रामवासियों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इस बाबत ज्ञापन भी दिया था।
केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण कमेटी ने इसके बाद हरियाणा सरकार से इस चकबंदी की बाबत विस्तृत विवरण एक माह के अंदर तलब किया था।इसके बाद सात जुलाई को फरीदाबाद के उपायुक्त की तरफ से ग्राम वासियों को लिखित तौर पर यह भी संदेश भी दिया गया था कि चकबंदी कोट गांव में मालकान के कृषि योग्य रकबे की जा रही है। पहाड़ की चकबंदी नहीं की जा रही है।इसकी प्रतिलिपि गृहमंत्री अनिल विज को भी भेजी गई थी क्योंकि उन्होंने ग्रामवासियों की शिकायत पर विभाग से जबाव मांगा था।