धूपबत्ती, अगरबत्ती के पैकेट पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र ना छापने के लिए चलाया अभियान
इंद्रपुरी कॉलोनी निवासी शिवानी गुप्ता का कहना है कि वस्तुओं के पैकेट पर भगवान की फोटो नहीं छपनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि अगर लोकसभा में हिंदू सांसद भी इस मुद्दे को उठाएंगे तो इस पर सरकार का ध्यान जाएगा और भगवान का अपमान होना थम जाएगा।
नई दिल्ली, राहुल सिंह। धूपबत्ती, अगरबत्ती और अन्य वस्तुओं के पैकेट पर भगवानों के चित्र छपने से उनका अपमान होता है। यह कहना है नई दिल्ली के इंद्रपुरी कॉलोली रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) का, जिन्होंने इसके खिलाफ एक अभियान भी चलाया हुआ है। आरडब्ल्यूए इन दिनों इसका जमकर विरोध कर रही है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारी इसके लिए गृह, पर्यावरण समेत कई मंत्रालयों में जाकर मंत्रियों व सचिवों को पत्र भी दे चुके हैं, जिसमें चित्रों की तत्काल नहीं छापने की मांग की गई है। इसके अलावा आरडब्ल्यूए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर मांग की है कि वह इस मुद्दे को मन की बात कार्यक्रम में उठाये, जिसके लिए उन्हें पत्र लिखा गया है।
भगवान का ना हो अपमान
इंद्रपुरी आरडब्ल्यूए के सचिव ओमप्रकाश भैरवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वह समय-समय पर देश के 130 करोड़ लोग से मन की बात करते हैं। इसमें वह अगर हिंदू देवी देवाताओं के पैकेटों पर छपने वाले चित्रों के बारे में भी एक बार बात करेंगे तो करोड़ों लोग की आस्था को अच्छा लगेगा। प्रधानमंत्री मन की बात में इस बात का जिक्र भी कर देंगे तो बहुत सी कंपनियां फोटो लगाना बंद कर देंगी। इससे भगवान का अपमान होता है। उन्होंने कहा कि लोग पूजा करने के बाद इन फोटो को फेंक देते हैं, जो किसी ना किसी के पैरों में आता है। इसके अलावा कुछ पैकेट कूड़ेदान तक पहुंचते हैं, जिसका भगवान का अपमान होता है और हिंदूओं की आस्था को ठेस पहुंचती है, जो नहीं नहीं होना चाहिए।
लोकसभा में हिंदू सांसद भी उठाएं मांग
इंद्रपुरी कॉलोनी निवासी शिवानी गुप्ता का कहना है कि वस्तुओं के पैकेट पर भगवान की फोटो नहीं छपनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि अगर लोकसभा में हिंदू सांसद भी इस मुद्दे को उठाएंगे तो इस पर सरकार का ध्यान जाएगा और भगवान का अपमान होना थम जाएगा। वहीं, देश की संसद में इसके खिलाफ कानून भी पारित होना चाहिए। जिसमें तय होना चाहिए कि अगर किसी भी कंपनी ने पैकेट पर भगवान फोटो छापी तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद ही इस तरह से तस्वीर छपनी बंद होंगी।
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