दिल्ली से सटे गाजियाबाद-नोएडा में भी नए साल पर पटाखे जलाने पर रोक

कोर्ट ने दीपावली पर ग्रीन पटाखे दो घंटे फोड़ने की छूट दी थी। हालांकि एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे जमकर फोड़े गए थे। इसके कारण दीपावली के अगले दिन वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 07:50 AM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 03:46 PM (IST)
दिल्ली से सटे गाजियाबाद-नोएडा में भी नए साल पर पटाखे जलाने पर रोक
दिल्ली से सटे गाजियाबाद-नोएडा में भी नए साल पर पटाखे जलाने पर रोक

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद और नोएडा के जिलाधिकारी को क्रिसमस और नए साल पर पटाखे जलाने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का इस्तेमाल न हो, केवल ग्रीन पटाखे ही चलाएं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिलाधिकारियों को दो अलग-अलग नोटिस दिए हैं, जिसमें जिलाधिकारी को पटाखे जलाने की समय अवधि और कौन से पटाखे विक्रेता किसकी बिक्री कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करना होगा।

बता दें कि दीपावली पर जिले के बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने गाजियाबाद के वायु प्रदूषण को लेकर भी नाराजगी जाहिर की थी। इसके साथ ही जिला प्रशासन को यहां पर सख्ती से आतिशबाजी व प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों से निपटने का निर्देश दिया गया था।

कोर्ट ने दीपावली पर ग्रीन पटाखे दो घंटे फोड़ने की छूट दी थी। हालांकि एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे जमकर फोड़े गए थे। इसके कारण दीपावली के अगले दिन वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। पुलिस ने 550 मामले दर्ज कर 300 लोगों को कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किया था। दीपावली के दिन 2776 किलोग्राम पटाखे के साथ 87 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 72 के खिलाफ अवैध तरीके से पटाखे बिक्री करने का मामला दर्ज हुआ था।

सीपीसीबी ने नोटिस में बताया गया है कि गाजियाबाद में 45 अस्थाई लाइसेंस जारी किए गए थे। हालांकि, अनुपालन की स्थिति के बारे में सीपीसीबी को रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। नोटिस में कहा गया है नोएडा में ग्रीन पटाखे की बिक्री करने के लिए 83 लाइसेंस जारी किए गए थे। सीपीसीबी के चेयरपर्सन एसपी सिंह परिहार ने बताया कि आदेशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई असंतोषजनक है।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अशोक तिवारी का कहना है कि अभी इस संबंध में उनके पास कोई लिखित आदेश या सूचना प्राप्त नहीं हुई है। प्रदूषण को रोकने के संबंधित जो भी उपयुक्त उपाय होंगे, वह क्रिसमस व नए साल पर किए जाएंगे।

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