कभी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता था बुराड़ी, आज भीषण जाम वाले इलाके के रूप में बनी पहचान

यमुना नदी के किनारे बसा बुराड़ी अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता रहा है। दिल्ली के सबसे प्राचीन गांवों में शामिल बुराड़ी में पांडवकालीन खांडेश्वर मंदिर है लेकिन आज बुराड़ी की इस ऐतिहासिकता पर रोजाना लगने वाले भीषण जाम की ऐसी काली साया पड़ चुकी है

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 02:56 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 08:34 AM (IST)
कभी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता था बुराड़ी, आज भीषण जाम वाले इलाके के रूप में बनी पहचान
बुराड़ी-संत नगर मुख्य मार्ग पर अक्सर इसी तरह से लगा रहता है जाम-जागरण

नई दिल्ली [संजय सलिल]। यमुना नदी के किनारे बसा बुराड़ी अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता रहा है। दिल्ली के सबसे प्राचीन गांवों में शामिल बुराड़ी में पांडवकालीन खांडेश्वर मंदिर है, लेकिन आज बुराड़ी की इस ऐतिहासिकता पर रोजाना लगने वाले भीषण जाम की ऐसी काली साया पड़ चुकी है कि अब यहां आने से पहले लोगों के शरीर में सिहरन पैदा होने लगती है और लोग कई बार सोचने लगते हैं।

जाम अब मानसिक प्रताड़ना का कारण बन चुका है और क्षेत्र में रहने वाली बड़ी आबादी के लिए प्रतिदिन मुख्य मार्ग (सौ फुटा रोड) पर सफर के दौरान इस प्रताड़ना से गुजरना नियति बन चुकी है। वाहनों के ईंधन व समय की बर्बादी के पर्याय इस जाम को लेकर लोग खुद को निरुपाय महसूस करने लगे हैं। वजह साफ है कि शासन प्रशासन की जाम से निजात के लिए अब तक की गई सभी कवायदें धरी की धरी रह गई हैं।

हालांकि क्षेत्र के विधायक ने फिर से यह कवायद शुरू की है और उन्होंने छह अप्रैल को दिल्ली विधानसभा कक्ष में संबंधित विभागों के अधिकारियों व क्षेत्र के पार्षदों के साथ बैठक कर समस्या के निदान पर विचार विमर्श किया है। बैठक में कोई ठोस कार्य योजना तो नहीं बन सकी, लेकिन यातायात पुलिस व नगर निगम की जिम्मेदारी जरूर तय कर दी गई। इसके चलते सुबह-शाम पीक आवर्स में तीन घंटे यातायात पुलिस की तैनाती के साथ नगर निगम को फुटपाथ पर कब्जे को हटाने के लिए कहा गया।

बैठक में भाजपा पार्षद अनिल त्यागी ने निर्माणाधीन पुश्ता रोड के कार्य को जल्द पूरा करवाने का सुझाव दिया, ताकि मुख्य मार्ग पर यातायात का दबाव कम हो सके। बहरहाल, निर्माण कार्य के कारण झड़ौदा से हिनकी तक जाने वाले पुश्ता रोड पर आवागमन बंद है, जिसने मुख्य मार्ग पर हाल के दिनों में जाम को नासूर बना दिया है।

जाम की वजहें

करीब एक सौ कालोनियां व 10 गांवों की बड़ी आबादी के कारण उत्पन्न यातायात के दबाव को मुख्य मार्ग ङोल भी सकता है, बशर्ते सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटा दिया जाए। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति के साथ वोट की राजनीति मुख्य मार्ग पर अवैध कब्जे को हटाने में रोड़ा साबित हो रही है।

बिजली के ट्रांसफार्मरों, खंभों, रेहड़ी पटरी, दुकानदारों, मोटर वर्कशापों के अतिक्रमण ने सौ फुटा रोड की चौड़ाई कई जगहों पर आधी कर दी है, किंतु निदान के लिए आज तक खानापूर्ति के सिवा कुछ नहीं हो सका है। बंगाली कालेानी पुलिया की चौड़ीकारण को भी कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि क्षेत्र के विधायक संजीव झा कहते हैं कि बैठक में ठोस ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। समस्या का निराकरण के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

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