Career In Data Science: ऐसे बनाएं डाटा साइंस में करियर, जॉब्स के बढ़ रहे मौके; सैलरी भी है आकर्षक
Career In Data Science एडुटेक कंपनी ग्रेट लर्निंग के एक अध्ययन के अनुसार कोरोना संकट के बाद एनालिटिक्स और डाटा साइंस के क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ी है। वैसे इस तकनीक पर आजकल पूरी दुनिया की नजरें है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Career In Data Science डाटा साइंस आज के समय में करियर का सबसे अधिक डिमांडिंग विषय है। ऐसा इसलिए कि स्मार्टफोन और इंटरनेट मीडिया के आ जाने से डाटा की खपत कई गुना बढ़ गई है। यह डाटा आज हर जगह है। कंपनियों के लिए यह एक सार्वभौमिक मुद्रा है। कंपनियां इसी डाटा के जरिये ग्राहकों की मांग एवं उनकी पसंद आदि को आसानी से समझ पा रही हैं। डाटा (न्यूमेरिकल, टेक्स्ट, वीडियो, आडियो आदि) को इकट्ठा करने की प्रक्रिया ही डाटा साइंस कहलाती है। इसे ही डाटा एनालिटिक्स भी कहते हैं। डाटा साइंस के तहत मुख्य रूप से स्टोरिंग, प्रोसेसिंग, डिस्क्राइबिंग तथा माडलिंग जैसे चार तरह के कार्य होते हैं।
डाटा स्टोरिंग में एकत्र किए गए डाटा को सुरक्षित रखा जाता है। इस संरक्षित डाटा को आमतौर पर डाटाबेस या डाटा-वेयरहाउस में एकत्र किया जाता है। इसका अगला चरण प्रोसेसिंग का है। डाटा प्रोसेसिंग में डाटा रैंगलिंग (एक्सट्रैक्शन, ट्रांसफॉर्मेशन व डाटा लोडिंग), डाटा क्लीनिंग और डाटा स्केलिंग जैसे कार्य शामिल हैं। डाटा सांइस के तीसरे चरण में डाटा डिस्क्राइबिंग जैसे कार्य होते हैं, जिसमें डाटा ग्राफ चार्ट, आरेख या अन्य विजुअलाइजेशन का उपयोग करके उसे समझने योग्य बनाया जाता है। आखिरी चरण में डाटा की माडलिंग होती है यानी इसके अंतर्गत डाटा में अंतर्निहित वितरणों के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाता है।
बढ़ती संभावनाएं : एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में अभी 28 प्रतिशत के लगभग डाटा वैज्ञानिकों की आवश्यकता है। कोरोना काल के दौरान मार्केट में तमाम गिरावट आने के बाद भी 2020 में करियर विकल्प के रूप में डाटा साइंस के क्षेत्र में भारी डिमांड बनी रही। वैसे भी, डाटा साइंस 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी कौशल में से एक है। देश में इस तकनीकी फील्ड का बाजार लगातार बढ़ रहा है। पिछले दो साल में आनलाइन गतिविधियों में आई तेजी के कारण डाटा भंडारण कई गुना बढ़ जाने से ऐसे कुशल लोगों की अभी काफी जरूरत महसूस की जा रही है, जो एकत्रित डाटा का विश्लेषण करके कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के बिजनेस बढ़ाने में मदद कर सकें। वर्तमान में तमाम बिजनेस और लेनदेन आनलाइन माध्यम से होने के चलते आने वाले दशक में भी डाटा विशेषज्ञों की यह मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। यूएस ब्यूरो आफ लेबर स्टेटिस्टिक्स के अनुसार, वर्ष 2026 तक दुनिया में इस फील्ड में 1.15 करोड़ नये रोजगार सृजित होंगे।
प्रोग्रामिंग/मैथ्स के स्टूडेंट के लिए बेहतर : डाटा साइंस आज हर उस युवा के लिए एक अच्छा करियर विकल्प है, जो किसी भी प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान रखता है और बारहवीं गणित विषय में अच्छे अंकों से पास किया है। दरअसल, डाटा साइंस के अंतर्गत डाटा सेट को इकट्ठा करने, स्टोर करने, विश्लेषण करने और कल्पना करने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पायथन का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, डाटा के प्रेजेंटेशन के लिए आवश्यक सांख्यिकी ज्ञान की भी आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इस फील्ड में तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रोग्रामिंग के साथ-साथ गणित पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
विकल्प हैं कई : डाटा साइंस में दक्षता और कार्य कुशलता हासिल करके विभिन्न भूमिकाओं में करियर बनाया जा सकता है। अभी इस फील्ड में सबसे अधिक जाब देने वाली कंपनियों में आइबीएम इंडिया, एक्सेंचर, एचसीएल टेक्नोलाजी, इन्फोसिस, काग्निजेंट टेक्नोलाजी साल्यूशन, केपजेमिनी, टेक महिंद्रा, डेल और कोलेबरा टेक्नोलाजी आदि प्रमुख हैं, जहां डाटा साइंटिस्ट के अलावा डाटा इंजीनियर, डाटा एडमिनिस्ट्रेटर, एनालिटिक्स स्पेशलिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर, रिसर्च साइंटिस्ट व साफ्टवेयर एनालिस्ट एवं डेवलपर जैसे पदों पर ऐसे प्रोफेशनल्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बढ़ती प्रौद्योगिकी के साथ माना जा रहा है आने वाले दिनों में कृषि, हेल्थकेयर, एविएशन, साइबर सिक्योरिटी, वेदर, ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर में भी इनकी अच्छी मांग रहेगी, क्योंकि इन क्षेत्रों में भी डाटा से निष्कर्ष निकालने और पूर्वानुमान के लिए डाटा साइंस प्रोफेशनल्स की आवश्यकता होगी। जाहिर है इससे डाटा वैज्ञानिक के रूप में रोजगार के और ज्यादा मौेके सामने आएंगे।
कोर्स एवं योग्यताएं : बाजार में डाटा साइंस की बढ़ती जरूरत को देखते हुए हाल के वर्षों में तमाम संस्थानों में फुलटाइम बीटेक डिग्री जैसे कोर्स शुरू किए गए हैं ताकि डाटा वैज्ञानिकों में आवश्यक कौशल विकास किया जा सके और इंडस्ट्री की डाटा विश्लेषण की बढ़ती आवश्यकताओं के लिए टैलेंट की कमी को पूरा किया जा सके। यह चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम मुख्य रूप से भावी डाटा विशेषज्ञों को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है, जिसमें डाटा एनालिटिक्स, सांख्यिकीय माडलिंग, बिग डाटा, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, आर प्रोग्रामिंग, डाटा माइनिंग, विजुअलाइजेशन और बिजनेस इंटेलिजेंस जैसे विषयों के बारे में जानकारी दी जाती है। मैथ्स विषय से 12वीं के बाद यह कोर्स किया जा सकता है। आइआइएम कलकत्ता, आइआइटी खड़गपुर, आइआइआइटी बेंगलुरु आदि में भी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एनालिटिक्स (डाटा साइंस) जैसे कोर्स कोर्स कर सकते हैं। आइटी, कंप्यूटर साइंस, मैथ्स, स्टैटिस्टिक्स, फिजिक्स, इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री करने वाले यह कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आनलाइन सीखना चाहें, तो सी-डैक, सिंप्लीलर्न, जिगसा एकेडमी, एडुरेका, लर्नबे आदि के प्लेटफॉर्म को एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहां भी डाटा एनालिटिक्स के शॉर्टटर्म कोर्स कराए जा रहे हैं।
आकर्षक सैलरी: डाटा साइंस में एक चुनौतीपूर्ण करियर होने के साथ-साथ युवाओं को अच्छा पे पैकेज भी मिलता है। भारत में, ग्लासडोर के अनुसार, 2020 में एक डाटा वैज्ञानिक का औसत वेतन 10 लाख रुपये सालाना था। वैसे, यह उन चुनिंदा हाइपेइंग करियर में से एक है, जहां लोगों को शुरुआत में ही अच्छी सैलरी आफर हो रही है। सबसे अच्छी बात यह है कि डाटा साइंस कोर्स के पूरा होने के बाद छात्रों को तुरंत अच्छी कंपनियों में मौके मिल जाते हैं।
प्रमुख संस्थान
आइआइटी खड़गपुर www,iitkgp.ac.in
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बेंगलुरु www.iimb.ac.in
आइआइआइटी बेंगलुरु www.iiitb.ac.in/
जीएल बजाज, ग्रेटर नोएडा www.glbitm.org
बदलती जरूरतों के अनुसार युवा होंगे तैयार: ग्रेटर नोएडा जीएल बजाज के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने बताया कि तकनीकी प्रगति और सूचना क्रांति ने चुनौतियों के साथ-साथ डाटा साइंस के रूप में अवसरों की नई राह खोल दी है। देश-दुनिया में इस विषय के जानकारों की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए तमाम प्रतिष्ठित संस्थानों में इसमें फुलटाइम कोर्स शुरू किया गया है। इंडस्ट्री और तकनीकी जगत की लगातार बदलती जरूरतों को देखते हुए इस विषय में रुचि रखने वाले युवाओं को भी अपडेटेड स्किल के साथ तैयार करने की चुनौती है। संस्थान और फैकल्टी खुद को इस बदलाव के अनुसार अपग्रेड करके स्टूडेंट्स को भी अच्छी तरह शिक्षित-प्रशिक्षित कर सकते हैं, ताकि इंडस्ट्री द्वारा उन्हें हाथोंहाथ लिया जा सके। अच्छी बात यह है कि नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद इंडस्ट्री के सहयोग से अब उन्हें प्रैक्टिकली प्रशिक्षित करना और ज्यादा आसान हो जाएगा।