Delhi Violence: दंगे में बर्बाद हुए कांस्टेबल मोहम्मद अनीस के आशियाने को फिर आबाद करेगी BSF
दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा में खजूरी खास में कई घर जले इसी में एक घर था सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कांस्टेल मोहम्मद अनीस का।
नई दिल्ली, प्रेट्र। Heroes of Delhi Violence: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने जवान अनीस के लिए बड़े दिल का परिचय दिया है। दिल्ली के दंगों में जले जवान के घर को नए सिरे से बनवा कर देने के साथ जल्द ही उसकी तैनाती दिल्ली में की जाएगी ताकि वह अपने परिवार के साथ शादी की तैयारियां कर सके। बीएसएफ के अनुसार यह उसके लिए शादी का तोहफा होगा। फिलहाल उसकी तैनाती बंगाल के सिलीगुड़ी में है। यह जानकारी अर्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा, मौजपुर, खजूरी खास, गोकलपुरी इलाके में भड़के दंगों में जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। खजूरी खास इलाके में बीएसएफ जवान अनीस के पैतृक घर को भी दंगाइयों ने जला दिया। इसकी जानकारी जवान को होने पर उसे बहुत अफसोस हुआ। उस समय घर में उसकी शादी की तैयारियां चल रही थीं।
बीएसएफ के अधिकारी ने बताया कि आगजनी से अनीस के घर को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन उनके परिवार के सदस्य सकुशल हैं। उनके घर को नए सिरे से बनवाना पड़ेगा। बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआइजी) पुष्पेंद्र राठौर ने शनिवार को अनीस के माता-पिता से मुलाकात की और बल की ओर से पूरी मदद का भरोसा दिया।
उन्होंने कहा कि हम अपने कल्याण कोष से जवान को दस लाख रुपये की मदद देंगे। बीएसएफ की इंजीनियरिंग विंग एक पखवाड़े में घर बनाकर देगी।
बीएसएफ मुख्यालय पर तैनात डीआइजी राठौर ने बताया कि बल के प्रमुख और महानिदेशक वीके जौहरी ने जवान के परिवार को सभी संभव सहायता देने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अप्रैल में होने जा रही अनीस की शादी से पहले हम उसका घर तैयार कर देंगे। यह हम लोगों की तरफ से उसके लिए शादी का तोहफा होगा।
डीआइजी ने कहा कि बीएसएफ एक परिवार की तरह है। जब किसी सदस्य को मदद की जरूरत होती है तो हम यथाशक्ति उसकी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने अनीस के परिवार से कहा है कि उन्हें यदि किसी भी तरह की मदद चाहिए तो हमें फौरन बताएं। हम जल्द ही अनीस की तैनाती दिल्ली में करने जा रहे हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ शादी की तैयारियां कर सकें। उन्होंने बताया कि अनीस 2013 में बीएसएफ में शामिल हुए थे। ओडिशा में नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती का कार्यकाल पूरा कर वे फिलहाल सिलीगुड़ी के राधाबाड़ी इलाके में तैनात हैं। दंगे में घर जलाए जाने के बारे में उन्होंने अपने वरिष्ठों से एक शब्द भी नहीं कहा। उनके माता-पिता भी बहुत बहादुर हैं। हम लोगों की मदद के वे बहुत शुक्रगुजार हैं। वे अपने क्षेत्र में अमन और भाईचारा चाहते हैं।