मजार को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए हटाए गए ईंट पत्थर, कहा मजार के कारण लगता है जाम

महरौली-गुरुग्राम रोड पर छतरपुर मेट्रो स्टेशन के पास सड़क पर बनी पीर बाबा की मजार से शुक्रवार शाम को एक युवती ने यह कहते हुए ईंट पत्थर आदि सामान को हटा दिया कि इस मजार को बढ़ाया जा रहा है। इस कारण यहां जाम लगता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 08:04 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 08:04 AM (IST)
मजार को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए हटाए गए ईंट पत्थर, कहा मजार के कारण लगता है जाम
मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करवा दिया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महरौली-गुरुग्राम रोड पर छतरपुर मेट्रो स्टेशन के पास सड़क पर बनी पीर बाबा की मजार से शुक्रवार शाम को एक युवती ने यह कहते हुए ईंट, पत्थर आदि सामान को हटा दिया कि इस मजार को बढ़ाया जा रहा है। इस कारण यहां जाम लगता है। युवती ने आरोप लगाया कि मजार के चारों ओर अतिक्रमण करके इसे बढ़ाया जा रहा है। इस पूरी घटना का वीडियो शनिवार को इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गया। वीडियो में युवती कह रही है कि उसे किसी भी धर्म से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस तरह सड़क व सार्वजनिक जगह पर कोई भी धार्मिक स्थल बनाना गलत है।

युवती ने आरोप लगाया है कि यहां से मतांतरण भी किया जा रहा है। वीडियो में दो-तीन राहगीर भी युवती की सहायता करते दिख रहे हैं। उसने कहा कि अतिक्रमण की शुरुआत ऐसे ही होती है। हालांकि इस बीच किसी ने पुलिस को काल कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करवा दिया। दक्षिणी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि इस बारे में किसी भी पक्ष से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

14 बाई 10 फुट में है मजार

वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार को दैनिक जागरण टीम मौके पर पहुंची। मजार के मुतवल्ली (सेवादार) मूलरूप से यूपी के सुल्तानपुर जिला निवासी जमील अहमद ने बताया कि यह हजरत हसन जिन्नाती रहमतुल्लाह अलैह की मजार है। इसे पीर बाबा की मजार भी कहा जाता है। मजार 14 बाई 10 फुट में है। उन्होंने बताया कि वह पिछले चार सालों से यहां बैठ रहे हैं। उन्हें यहां पर अल इत्तेहाद इस्लामिया कमेटी के अध्यक्ष रियासत अली समीर ने बैठाया है।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम विरोध करने वाली युवती ने उनके आधार कार्ड की फोटोकापी लेकर उन्हें मजार से हटा दिया था। इसके बाद वह महरौली स्थित अपने घर चले गए थे। वहीं, रियासत अली ने फोन पर बताया कि जमील अहमद ने मजार पर कुछ निर्माण कराने के लिए सीमेंट आदि मांगा था जो उन्होंने उपलब्ध करवा दिया था। उन्होंने बताया कि यह मजार काफी पुरानी है। पहले जब सड़क सिंगल थी तो यह सड़क के किनारे थी। बाद में सड़क चौड़ी की गई तो मजार बीच में आ गई।

मजार को शिफ्ट करने को लेकर चल रही है बात

इस बारे में पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ ने बताया कि यह सड़क काफी पहले एनएचएआइ ने बनाई थी। पीडब्ल्यूडी को जब सड़क हस्तांतरित की गई थी तो यह मजार यहीं पर थी। मजार की वजह से यहां मार्ग बाधित होता है और जाम लगता है। इसे शिफ्ट करने को लेकर कई स्तर पर फाइलें चल रही हैं। चूंकि मामला पीडब्ल्यूडी, निगम, कानून-व्यवस्था से लेकर लैंड ओनिंग एजेंसियों के साथ ही धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है इसलिए इसके समाधान के लिए कई स्तर पर कार्रवाई चल रही है। मामला रिलीजियस कमेटी को सौंपने पर भी विचार किया जा रहा है।

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