रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लग रही योगशाला, आक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए करें इस तरह योग

योगाचार्य सचिन ने सभी को बताया कि नियमित योग करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। किसी भी वायरस का संक्रमण अगर हमारे फेफड़ों में पहुंच जाता है तो भस्ति्रका प्राणायाम करना चाहिए।हमारे शरीर में आक्सीजन स्तर बढ़ाने को बढ़ाता है और वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करता है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 05:51 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:51 PM (IST)
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लग रही योगशाला, आक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए करें इस तरह योग
एसबी पब्लिक स्कूल द्वारा जनचेतना योग अभियान चलाया गया।

नई दिल्ली [रितु राणा]। कोरोना के डर और लाकडाउन ने लोगों को असहज रूप से प्रभावित किया है। ऐसे में खजूरी खास स्थित एसबी पब्लिक स्कूल द्वारा जनचेतना योग अभियान चलाया गया, जिसमें विद्यालय के छात्र, अभिभावक, शिक्षक व प्रधानाचार्य राकेश चौहान ने भाग लिया। प्रतिभागियों को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्राणायाम सहित कई लाभदायक योगासन कराए गए।

इस अवसर पर योगाचार्य सचिन ने सभी को बताया कि नियमित योग करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। किसी भी वायरस का संक्रमण अगर हमारे फेफड़ों में पहुंच जाता है तो भस्ति्रका प्राणायाम करना चाहिए। यह हमारे शरीर में आक्सीजन स्तर बढ़ाने को बढ़ाता है और वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करता है।

प्रधानाचार्या राकेश चौहान ने बताया कि लाकडाउन में योगाचार्य सचिन द्वारा रोजाना शिक्षकों, छात्रों व अभिभावकों को प्राणायाम, आसन, सूक्ष्म क्रियाएं आदि का अभ्यास कराया जा रहा है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग योग से लाभांवित हो सकें। तनाव दूर करने के लिए सभी को हास्य अभ्यास व शांति मंत्र का जाप भी कराया जाता है।

वहीं, राकेश चौहान ने सभी अभिभावक व छात्रों से आग्रह करते हए कहा कि वह इस वैश्विक महामारी से बचाव व अपने घरों के वातावरण को शुद्ध व पवित्र करने के लिए रोजाना 11 बार गायत्री मंत्र का जाप कर आहुति कर हवन करें। ऐसा करने से घर के सभी सदस्य स्वस्थ व निरोगी होंगे।

आपको बता दें राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात एक वक्त इस कदर बिगड़े थे कि लोग बेड और आवश्यक दवाओं के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। वहीं आपको बता दें कि ऑक्सीजन की किल्लत ने ऐसे बुरे वक्त में आग में घी का काम किया। लोग अचानक हुई आक्सीजन की किल्लत से दम तोड़ने लगे अस्पताल बेहसहाय बन चुके थे। हालांकि अब स्थिति में काफी सुधार है। अब ऐसे वक्त के बाद लोग अपने सेहत के लिए जागरूक हो गए हैं। हर तरह से फिट रखने की कोशिश हो रही है।

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