5 महीने की परी के बाद 9 माह के कृषु की कोरोना से मौत, अस्पताल में भर्ती पिता की हालत गंभीर
डॉक्टरों के मुताबिक उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन सुबह उसकी मौत हो गई। बच्चे में कोरोना के लक्षण थे लेकिन उसकी जांच नहीं हुई थी। इस वजह से उसे कोरोना संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदा लहर में बच्चों को लेकर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। इस बार छोटे-छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं। बुधवार को पांच माह की बच्ची परी की मौत के अगले ही दिन बृहस्पतिवार को नौ माह के एक बच्चे कृषु की जान भी कोरोना संक्रमण की वजह से चली गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन कृषु की मौत को कोरोना संदिग्ध रहा माना है। शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी (Shaheed Bhagat Singh Seva Dal founder Jitendra Singh Shanti) ने बच्चे के शव को दफनाया।
जानकारी के मुताबिक बच्चे कृषु का परिवार दिलशाद कॉलोनी में रहता है। पूरा परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में है। पिता की हालत भी गंभीर है और वह राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में आइसीयू में भर्ती हैं। परिवार के मुताबिक बुधवार रात बच्चे कृषु की तबियत काफी बिगड़ी गई। सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो रात करीब 12:00 बजे उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया।
डॉक्टरों के मुताबिक उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन सुबह उसकी मौत हो गई। बच्चे में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन उसकी जांच नहीं हुई थी। इस वजह से उसे कोरोना संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया। कोरोना प्रोटोकाल के तहत शहीद भगत सिंह सेवा दल उसे दफनाया। इससे पहले नंदनगरी में रहने वाले परिवार की पांच माह की बेटी परी की बुधवार को जीटीबी अस्पताल में ही मौत हो गई थी।
यह भी जानकारी सामने आ रही है कि कृषु के परिवार में माता-पिता हैं, जो दृष्टिहीन हैं। कुछ दिनों पहले ही कृषु को भर्ती कराया गया था। जबकि 26 वर्षीय पिता शशंका शेखर राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में आइसीयू में भर्ती हैं और उन्हें नहीं पिता कि उनके 9 महीने के बच्चे कृषु की मौत हो चुकी है। वहीं मां ज्योति का कहना है कि पिता को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उन्होंने अपने प्यार बच्चे को खो दिया है।