गेहूं खरीद को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा का प्रदर्शन

भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को दिल्ली के किसानों की चिंता नहीं है। मंडियों में किसान कम कीमत पर गेहूं बेचने के लिए मजबूर हैं। अब भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा खरीद शुरू करने से उन्हें राहत मिली है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 12:18 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 02:46 PM (IST)
गेहूं खरीद को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा का प्रदर्शन
भाजपा का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को दिल्ली के किसानों की चिंता नहीं है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार पर किसानों को गेहूं के लिए घोषित मूल्य नहीं देने का आरोप लगाते हुए भाजपा बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही है। इस मौके पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन है। किसानों के हित के लिए भाजपा संघर्ष हमेशा तैयार रहती है। कृषि कानून को लेकर मुख्यमंत्री किसानों को गुमराह किए। दिल्ली के किसानों के लिए कुछ नहीं किया। किसानों के साथ धोखा किया। सिर्फ दिल्ली में किसानों को सिंचाई के लिए कामर्शियल रेट पर बिजली मिलती है। ट्रैक्टर को भी कामर्शियल वाहन मान लिया गया। मजबूरन किसानों को दूसरे राज्यों से ट्रैक्टर खरीदना पड़ता है। पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले दिल्ली के किसानों को प्रति क्विंटल 2600 रुपये से ज्यादा मूल्य देने की घोषणा की थी। आज भी किसान दिल्ली सरकार की मंडियों में 1400-1600 रुपये के हिसाब से फसल बेचनी पड़ रही है। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के समर्थन में दिल्ली के किसान खड़े हैं। दिल्ली सरकार ने पराली से खाद बनाने को लेकर लोगों को गुमराह किया गया। इस नाम पर करोड़ों रुपये बर्बाद किया गया। यह पैसा किसानों की बेहतरी के लिए खर्च किया जाना चाहिए था। ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का बुरा हाल है। किसानों और दिल्ली के अन्य लोगों से किया गया वादा सरकार पूरा करे। ग्रामीण क्षेत्रों में दिल्ली सरकार के खिलाफ भारी रोष। भाजपा के आठ विधायक हैं लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायकों पर भारी हैं। किसानों के साथ वादा पूरा नहीं किया गया तो भाजपा विधायक विधानसभा नहीं चलने देंगे।

वहीं, पार्टी का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को दिल्ली के किसानों की चिंता नहीं है। मंडियों में किसान कम कीमत पर गेहूं बेचने के लिए मजबूर हैं। अब भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा खरीद शुरू करने से उन्हें राहत मिली है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कई वर्षों के बाद दिल्ली में एफसीआइ ने किसानों से गेहूं की खरीद शुरू की है। एफसीआइ ने सीधे किसानों से केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदना शुरू किया है।

दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मूल्य किसानों को कभी नहीं मिला। नरेला और नजफगढ़ मंडी में किसानों को 1600 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से ही कीमत मिल रही है। दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय एमएसपी पर फसल खरीदने के मामले में भ्रम फैला रहे हैं। नरेला स्थित एफसीआइ के गोदाम पर पांच अप्रैल से गेंहू की खरीद शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने किसानों से एमएसपी से 50 फीसद ज्यादा भुगतान करने और मुफ्त बिजली का वादा किया था।  

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