दिवाली से पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की मायूसी दूर करने की तैयारी

भाजपा नेताओं की अपील पर केंद्रीय गृह मंत्रालय एक-दो दिनों में दिल्ली सरकार को ब्याज और किस्त के रूप में काटे गए 214 करोड़ रुपये पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जारी करने के लिए आदेश देने वाला है। इसकी पुष्टि महापौर निर्मल जैन ने की है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 08:57 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 11:27 AM (IST)
दिवाली से पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की मायूसी दूर करने की तैयारी
दिवाली से पहले कर्मचारियों को मिल जाएगा वेतन।

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]।  तीन महीने का वेतन नहीं मिलने से परेशान कर्मचारी प्रतिदिन 2 घंटे धरना दे रहे हैं। बृहस्पतिवार को कर्मचारी यूनियनों ने पांच दिनों की मोहलत निगम को दी है। इसके बाद सड़कों पर उतरने की तैयारी है। इससे निगम के अधिकारी और नेताओं की पेशानी पर बल आ चुका है। निगम की सत्ता में बैठे भाजपा नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। इसके बाद कुछ ऐसे आसार नजर आ रहे हैं कि दिवाली से पहले कर्मचारियों की मायूसी दूर हो जाएगी। भाजपा नेताओं की अपील पर केंद्रीय गृह मंत्रालय एक-दो दिनों में दिल्ली सरकार को ब्याज और किस्त के रूप में काटे गए 214 करोड़ रुपये पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जारी करने के लिए आदेश देने वाला है। इसकी पुष्टि महापौर निर्मल जैन ने की है।

निगम अधिकारियों ने बताया कि योजना मद को छोड़कर अभी दिल्ली सरकार को 720 करोड़ रुपये देने थे। लेकिन दिल्ली सरकार ने पहले तो 57 फीसद रकम यह कहकर काट ली कि कोरोना संक्रमण की वजह से दिल्ली सरकार के पास अभी पर्याप्त फंड नहीं है। इसके बाद 310 करोड़ रुपये बनते थे। इसमें से पूर्वी निगम को दिए गए ऋण पर दिल्ली सरकार ने किस्त और ब्याज के नाम पर 216 करोड़ रुपये काट लिए। इसके बाद 94 करोड़ पूर्वी निगम को जारी किए गए। पूर्वी निगम का अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन पर प्रतिमाह करीब 10 करोड़ रुपये का खर्चा है। इस फंड से कुछ अधिकारियों को छोड़कर सभी कर्मचारियों को एक महीने का वेतन जारी कर दिया गया है। अब अगर सरकार 214 करोड़ रुपये भी जारी कर देती है तो इससे दो महीने का वेतन एकमुश्त कर्मचारियों के खाते में पहुंच जाएगा।

दरअसल करीब डेढ़ साल बाद ही चुनाव है। ऐसे समय में भाजपा के नेता निगम की छवि को लेकर गंभीर हैं। उनकी कोशिश है कि केंद्र सरकार से भी उन्हें कुछ फंड मिल जाए, जिससे बचे हुए समय में विकास कार्य भी शुरू करवा दिए जाएं। हालांकि केंद्र सरकार सीधे फंड नहीं दे सकती है, लेकिन योजना मद में कुछ फंड वहां से मिल सकता है। इसके लिए ही भाजपा के नेता केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क साध रहे हैं।

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