मुख्यमंत्री आवास में विस्तार कार्य का भाजपा विधायकों ने किया विरोध- कहा, नियमों की अनदेखी कर खर्च किए जा रहे करोड़ो रुपये

विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सरकार का यह फैसला है कि पांच साल में मुख्यमंत्री आवास पर एक बार में दस लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं किया जा सकता है। इस नियम का उल्लंघन किया जा रहा है। मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार नियम कानून नहीं मानती है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:42 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:44 PM (IST)
मुख्यमंत्री आवास में विस्तार कार्य का भाजपा विधायकों ने किया विरोध- कहा, नियमों की अनदेखी कर खर्च किए जा रहे करोड़ो रुपये
मुख्यमंत्री आवास में विस्तार कार्य का भाजपा विधायकों ने किया विरोध

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भाजपा विधायकों ने नियमों की अनदेखी कर मुख्यमंत्री आवास में विस्तार कार्य कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ज्ञापन भेजकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में दिल्ली सरकार अस्पताल, आक्सीजन व दवा की व्यवस्था करने में नाकाम रही है। लगभग डेढ़ वर्ष से विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री आवास के विस्तार पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने सत्ता में आने पर बंगला, वाहन व सुरक्षा नहीं लेने का वादा किया था। इसके विपरीत चुनाव जीतने के बाद उन्होंने बड़ा बंगला लिया। उनके साथ वाहनों का काफिला चलता है। सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल तैनात हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री आवास के रखरखाव पर दिल्ली सरकार ने चार करोड़ रुपये खर्च किए। अब एक बार फिर से लगभग दस करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अनुमति लिए बगैर अक्टूबर में काम शुरू कर दिया। अर्बन आर्ट कमीशन ने इस पर आपत्ति जताते हुए पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव के प्रस्ताव को मंजूरी देने से मना कर दिया था।

विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सरकार का यह फैसला है कि पांच साल में मुख्यमंत्री आवास पर एक बार में दस लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं किया जा सकता है। इस नियम का उल्लंघन किया जा रहा है। विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि यह सरकार नियम कानून नहीं मानती है। प्रेस वार्ता के बाद सभी विधायक ज्ञापन देने के लिए मुख्यमंत्री आवास के बाहर पहुंचे। मुख्यमंत्री के नहीं आने पर उन्होंने कुछ देर धरना दिया और बाद में वहां मौजूद कर्मचारियों को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर विधायक अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जितेंद्र महाजन, अजय महावर भी मौजूद थे।

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