कोरोना में बेड की किल्लत के बीच राहत : रामलीला मैदान में आज से शुरू होगी 1200 आइसीयू बेड की सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां 250 आइसीयू बेड शनिवार से शुरू हो रहे हैंजबकि 250 और आइसीयू बेड अगले दो दिनों में शुरू हो जाएंगे। हमारे डाॅक्टर्स इंजीनियर्स और श्रमिकों ने मिलकर युद्ध स्तर पर 24 घंटे काम करके मात्र 15 दिनों में 500 आइसीयू बेड का निर्माण किया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:45 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:20 AM (IST)
कोरोना में बेड की किल्लत के बीच राहत : रामलीला मैदान में आज से शुरू होगी 1200 आइसीयू बेड की सुविधा
दिल्ली में कोरोना की स्थिति में काफी सुधार, अस्पतालों में खाली हो रहे बेड : सीएम केजरीवाल

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। दिल्ली में कोरोना की स्थिति में काफी सुधार हो रहा है। इसलिए अब अस्पतालों के अंदर बेड काफी खाली हो रहे हैं, लेकिन आइसीयू बेड उतने खाली नहीं हो रहे हैं। इसका मतलब यह है कि कोरोना के गंभीर मरीज अभी ज्यादा हैं। अस्पतालों में आइसीयू बेड की अभी कमी है। लेकिन 1200 आइसीयू बेड आने के बाद यह कमी दूर हो जाएगी। यह बातें शुक्रवार को लोकनायक अस्पताल से संबद्ध कर रामलीला मैदान में बनाए गए 500 आइसीयू बेड का जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहीं।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दौरा कर लिया जायजा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां 250 आइसीयू बेड शनिवार से शुरू हो रहे हैं, जबकि 250 और आइसीयू बेड अगले दो दिनों में शुरू हो जाएंगे। हमारे डाॅक्टर्स, इंजीनियर्स और श्रमिकों ने मिलकर युद्ध स्तर पर 24 घंटे काम करके मात्र 15 दिनों के अंदर इन 500 आइसीयू बेड का निर्माण किया है। साथ ही जीटीबी में 500 आइसीयू बेड तैयार हैं और राधास्वामी सत्संग में भी 200 आइसीयू बेड बन रहे हैं। इस तरह दिल्ली में अब कुल 1200 नए आइसीयू बेड हो जाएंगे। इनके चालू होने के बाद दिल्ली में आइसीयू बेड की कमी संभवतः दूर हो जाएगी।

आक्सीजन की कमी पर केंद्र ने की मदद -केजरीवाल

एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि मेरा सभी से अनुरोध है कि यह समय राजनीति करने का नहीं है। एक तरफ लोग मर रहे हैं, लोग बहुत ज्यादा पीड़ा में है, लोग दुखी हैं। इसलिए हमें इस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए। दिल्ली में आक्सीजन की कमी थी और उसमें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने मिलकर हमारी मदद की। हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं और अब सबको मिलकर यह कोशिश करनी है कि किस तरह जल्दी से जल्दी वैक्सीन की व्यवस्था करें और लाएं, ताकि लोगों को वैक्सीन लग सके।

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