रोहिणी कोर्ट में गोगी की हत्या के बाद बड़े गैंगस्टरों में खौफ, दो खेमों में तेज हो सकता है खूनी संघर्ष

पुलिस अधिकारी का कहना है कि गोगी की हत्या के बाद अब बड़े गैंगस्टर में भय होना स्वभाविक है। दरअसल अलग-अलग खेमों में बंटे सरगना विरोधी की हत्या कराने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में गैंगस्टर के बीच लंबे अरसे बाद खूनी संघर्ष तेज हो सकता है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 08:43 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 08:46 AM (IST)
रोहिणी कोर्ट में गोगी की हत्या के बाद बड़े गैंगस्टरों में खौफ, दो खेमों में तेज हो सकता है खूनी संघर्ष
बड़े गैंगस्टरों के दो खेमों में हो सकता है खूनी संघर्ष

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में अब तक बड़े गैंगेस्टरों के बीच हुए गैंगवार में शूटर ही मारे जाते रहे थे, लेकिन पहली बार गैंगवार में एक बड़े गिरोह के सरगना की ही हत्या कर दिए जाने पर गैंगस्टरों में खौफ का माहौल पैदा हो गया है। उन्हें डर है कि कहीं पेशी के लिए ले जाने के दौरान रास्ते में जेल वैन अथवा अदालत में उन पर हमला न हो जाए। शनिवार को गोगी के विरोधी सुनील मान उर्फ टिल्लू की भी रोहिणी कोर्ट में हत्या के एक मामले में पेशी थी।

तीसरी बटालियन व स्पेशल सेल की टीम उसे मंडोली जेल से लेकर रोहिणी कोर्ट तो आ गई, लेकिन शंका और डर के कारण कोर्ट लाकअप से कोर्ट रूम में नहीं लाया गया। मुकदमे की सुनवाई के लिए आगे की तारीख देकर उसे वापस जेल भेज दिया गया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि गोगी की हत्या के बाद अब बड़े गैंगस्टर में भय होना स्वभाविक है।

दरअसल, अलग-अलग खेमों में बंटे सरगना विरोधी की हत्या कराने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में गैंगस्टर के बीच लंबे अरसे बाद खूनी संघर्ष तेज हो सकता है। सरगना अब जेलों से अदालतों में पेश नहीं होना चाहेंगे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ही पेश होना चाहेंगे।

कहा जाता है कि जिस गिरोह के पास जितनी ताकत होती है, काले धंधे पर उसका उतना ही वर्चस्व कायम होता है। शायद यही वजह है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के सभी बड़े गैंगस्टर दो खेमों में बंट गए हैं। ऐसा करने से इनकी ताकत बढ़ती है और काले धंधे से जुड़े बड़े समूहों पर इनका अधिपत्य रहता है।

दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के बड़े गैंग दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों के गैंगस्टरों को देखें तो एक खेमा काला जठेड़ी, लारेंस बिश्नोई, संपत नेहरा, सूबे गुर्जर, जितेंद्र मान उर्फ गोगी, संदीप बाक्सर, अक्षय पलरा, सचिन भांजा, नरेश सेठी व अनिल छिप्पी आदि का है।

दूसरा खेमा सुनील मान उर्फ टिल्लू, नीरज बवाना, सुनील राठी, भावरिया, नवीन बाली, अमित भूरा, राहुल काला व नवीन भांजा आदि का है। पुलिस की मानें तो गोगी का खेमा इन दिनों अधिक ताकतवर है। बावजूद इसके गोगी की हत्या कर देने से अब इसके खेमे के बदमाश टिल्लू के खेमे से बदला लेने की पूरी कोशिश करेंगे। इसलिए पुलिस भी अलर्ट हो गई है।

बाक्सर की मदद से ले सकते हैं बदला

लारेंस बिश्नोई व काला जठेड़ी का हरियाणा व राजस्थान में ज्यादा आतंक है। सूबे गुर्जर पर साढ़े पांच लाख का इनाम था। जठेड़ी व लारेंस के पकड़े जाने पर सूबे ने कुछ माह पहले मारे जाने के डर से हरियाणा पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था। भावरिया का पंजाब में आतंक है। संदीप बहल उर्फ बाक्सर फरार है। इसके साथ गोगी के साथी टिल्लू से बदला ले सकते हैं।

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