भीख मागिए, उधार लीजिए या चोरी करिए, किसी भी कीमत पर अस्पतालों को आक्सीजन दे केंद्र सरकार: हाई कोर्ट

पीठ ने कहा कि आक्सीजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के कंधों पर है और अगर जरूरत पड़े तो स्टील और पेट्रोलियम की पूरी आक्सीजन सप्लाई मेडिकल इस्तेमाल के लिए डायवर्ट की जा सकती है। पीठ ने कहा कि क्या हमारे अंदर कोई मानवता बची है या नहीं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 10:40 AM (IST)
भीख मागिए, उधार लीजिए या चोरी करिए, किसी भी कीमत पर अस्पतालों को आक्सीजन दे केंद्र सरकार: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने की टिप्पणी, आक्सीजन की कमी के कारण हम लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि आक्सीजन की कमी के कारण हम लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते। क्या केंद्र सरकार के लिए लोगों की जिंदगी महत्वपूर्ण नहीं हैं। आपको इंडस्ट्री की चिंता है जबकि लोग मर रहे हैं। इससे तो यही लगता है कि सरकार को लोगों की जिंदगी से मतलब नहीं है। हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली नहीं है, हम जानना चाहते हैं कि पूरे देश में आक्सीजन की कमी पर केंद्र सरकार क्या कर रही है।

कमी को जल्द पूरा करने की उम्मीद

पीठ ने दो टूक कहा आप भीख मांगिए, उधार लीजिए या फिर चोरी करिए, यह आप पर है। पीठ ने यह सख्त टिप्पणी दिल्ली समेत कई राज्यों में मैक्स अस्पताल संचालित करने वाले बालाजी मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। पीठ ने यह कहते हुए बृहस्पतिवार तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी कि हम उम्मीद करते हैं कि याचिकाकर्ता समेत अन्य अस्पतालों की आक्सीजन की कमी को पूरा किया जाएगा।

केेंद्र की जिम्मेदारी सप्लाई सुनिश्चित करना

आक्सीजन की सप्लाई कमी कई बार बढ़ी है और यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सप्लाई सुनिश्चित करे। पीठ ने कहा कि किसी भी कीमत पर अस्पतालों में काेरोना मरीजों के लिए तत्काल आक्सीजन की आपूर्ति करें। पीठ ने सवाल उठाया कि आखिर स्थिति की गंभीरता पर केंद्र सरकार क्यों नहीं जाग रही है। पीठ ने कहा कि हम हैरान है कि अस्पतालों में आक्सीजन की कमी है और स्टील प्लांट अब भी चल रहे हैं। पीठ ने कहा अदालत ने मंगलवार को कहा था कि पेट्रोलियम और स्टील की आक्सीजन सप्लाई बंद करिए, आपने क्या किया।

क्या हमारे अंदर कोई मानवता बची है या नहीं

पीठ ने कहा कि आक्सीजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के कंधों पर है और अगर जरूरत पड़े तो स्टील और पेट्रोलियम की पूरी आक्सीजन सप्लाई मेडिकल इस्तेमाल के लिए डायवर्ट की जा सकती है। पीठ ने कहा कि क्या हमारे अंदर कोई मानवता बची है या नहीं। पीठ ने कहा कि अगर टाटा अपने आक्सीजन को मेडिकल इस्तेमाल के लिए डायवर्ट कर सकते हैं तो फिर बाकी क्यों नहीं कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आक्सीजन जल्द ही अस्पतालों में पहुंच जाएगी। इसके साथ ही यह भी बताया कि मैक्स अस्पताल की एक शाखा में आक्सीजन पहुंच चुकी है। इस पर पीठ ने कहा कि हमें पता है कि आप आक्सीजन उपलब्ध कराएंगे।

दिल्ली के कई अस्पताल आक्सीजन की कमी से जूझ रहे

पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल में दो घंटे में आक्सीजन सप्लाई मिल जाएगी, लेकिन दिल्ली के कई अस्पताल आक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। आप आदेश जारी कर सकते हैं कि यह राष्ट्रीय आपदा है और कोई इंडस्ट्री न नहीं कहेगी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के आक्सीजन सप्लाई के प्रभारी अतिरिक्त सचिव ने पीठ को बताया कि अभी आठ हजार मैट्रिक टन का उत्पादन किया जा रहा है। जवाब में पीठ ने कहा कि तथ्य यह है कि आक्सीजन की कमी है और हमें इसे पूरा करना है। वहीं, दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने कहा न तो हम आक्सीजन का ना उत्पादन करते हैं न ही स्टोर और ट्रांसपोर्ट, फिर आखिर हम कैसे जिम्मेदारी ले सकते हैं।

अस्पतालों को होने वाली आंतरिक सप्लाई हमारी जिम्मेदारी नहीं

एसजी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य द्वारा आक्जीजन की मांग तय प्रक्रिया से होनी चाहिए, न की ट्वीट करके लोगों के बीच पैनिक माहाैल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पास आक्सीजन की सप्लाई की जिम्मेदारी है और हम इसे पूरी करेंगे। हमारी क्षमता 350 मैट्रिक टन की है जिसे 480 मैट्रिक टन तक बढ़ाया गया है, लेकिन अस्पतालों को होने वाली आंतरिक सप्लाई हमारी जिम्मेदारी नहीं है।

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