कोरोना से ठीक होने के बाद क्यों नहीं लेनी चाहिए खून पतला करने की दवा, एम्स के डॉक्टरों ने बताया अहम कारण

दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से ठीक हुए हर मरीज को खून पतला होने की दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती। यदि किसी मरीज को पहले से कोई बीमारी है या रक्त थक्का होने की आशंका हो तभी इस तरह की दवाएं देनी चाहिए।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:33 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:00 AM (IST)
कोरोना से ठीक होने के बाद क्यों नहीं लेनी चाहिए खून पतला करने की दवा, एम्स के डॉक्टरों ने बताया अहम कारण
कोरोना से ठीक होकर क्यों नहीं लेनी चाहिए खून पतला करने की दवा, एम्स के डॉक्टरों ने बताया अहम कारण

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस के मध्यम व गंभीर संक्रमण से पीड़ित मरीजों के इलाज में खून पतला करने की दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी कुछ लोगों को दवा लेने की सलाह दी जाती है। इस बारे में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डाक्टरों का कहना है कि कोरोना से ठीक हुए हर मरीज को खून पतला होने की दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती। यदि किसी मरीज को पहले से कोई बीमारी है या रक्त थक्का होने की आशंका हो तभी इस तरह की दवाएं देनी चाहिए। ऐसे में लोग खुद केमिस्ट से खून पतला होने की दवा खरीदकर ना लें। डॉक्टरों की सलाह के बगैर खून पतला करने की दवा का इस्तेमाल घातक भी हो सकता है।

एम्स के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि इन दिनों सभी लोगों को स्टेरॉयड, खून पतला करने की दवाओं व एंटीबायोटिक के बारे में पता चल गया है। लोग खुद दुकान से दवा लेकर इस्तेमाल करने लगे हैं। इस वजह से दवाओं को गलत इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। इसके बहुत सारे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। दरअसल, कोरोना से रक्त थक्का होने की बात जरूरत से ज्यादा फैला जा रहा है। यदि किसी को पहले से कोई बीमारी नहीं है तो कोरोना से ठीक होने के बाद खून पतला करने की दवा सभी को लेने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को पहले से हार्ट की बीमारी है, वाल्व बदला गया हो, नसों में ब्लॉक होने की आशंका हो या स्ट्रोक के मरीज हैं तो ऐसे लोगों को खून पतला करने की दवा की जरूरत होती है।

डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए हर व्यक्ति को इस दवा के इस्तेमाल करने से आंतरिक रक्तस्त्राव भी हो सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए बेवजह बहुत दवाओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए। 

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