सफदरजंग में आउटसोर्सिंग से नर्सों की भर्ती पर रोक, विरोध के बाद लिया गया फैसला
दिल्ली नर्सिंग यूनियन की अध्यक्ष प्रेम रोज सूरी ने बताया कि महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा सुनील कुमार की मौजूदगी में सफदरजंग प्रशासन व अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अस्पताल प्रशासन को आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। सफदरजंग अस्पताल में नर्सिंग यूनियन द्वारा आउटसोर्सिंग से नर्सों की भर्ती करने के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने इस पर रोक लगा दी है। अब सफदरजंग में आउटसोर्सिंग से नर्सों की भर्ती नहीं होगी। दिल्ली नर्सिंग यूनियन की अध्यक्ष प्रेम रोज सूरी ने बताया कि महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा सुनील कुमार की मौजूदगी में सफदरजंग प्रशासन व अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अस्पताल प्रशासन को आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर बनाए गए 46 आइसीयू बेड को चलाने के लिए 137 नर्सों को कंसल्टेंट-नर्सिंग के तौर पर छह माह के लिए लेने का भी निर्देश दिया है। इसके बाद जल्दी ही निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर नर्सों की भर्ती शुरू करने को कहा है। इसके अलावा पूर्व में नर्सिंग अधिकारियों के खाली 72 पदों को भरने के लिए प्रवेश परीक्षा के बाद लंबित पड़ी प्रतीक्षा सूची में से फिलहाल 72 लोगों को लेने के लिए कहा गया है। जिससे नर्सों की मौजूदा आवश्यकता को पूरा किया जा सके। इस निर्णय पर नर्सिंग यूनियन ने डीजीएचएस और सफदरजंग अस्पताल प्रशासन का आभार जताया।
18 से 44 वर्ष की 30 फीसद आबादी को लग चुका है टीका
इधर, आम आदमी पार्टी की नेता व विधायक आतिशी ने वैक्सीन बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि राजधानी में 18 से 44 उम्र की 30 फीसद आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वैक्सीन मिलने के बाद युवाओं का 263 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। 10 जून को 81,156 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। इसमें से 50,196 लोगों को पहली और 30,960 लोगों को दूसरी खुराक दी गई। उन्होंने कहा कि केंद्र से कुल 10.34 लाख वैक्सीन की खुराक मिल चुकी है। शुक्रवार सुबह तक करीब एक लाख 41 हजार खुराक बची हुई थी, जिसमें से 41 हजार कोवैक्सीन और एक लाख कोविशील्ड की खुराक उपलब्ध है।