दिल्‍ली की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए पुराने वाहनों पर रोक जरूरी

पुराने वाहनों से दुघर्टना की आशंका बनी रहती है। इसके साथ ही इन वाहनों से वायु प्रदूषण भी ज्यादा होता है। दिल्ली में कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 1.10 करोड़ के करीब है और इसमें से 40 फीसद से ज्यादा वाहन 15 साल से पहले के पंजीकृत हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:23 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 03:24 PM (IST)
दिल्‍ली की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए पुराने वाहनों पर रोक जरूरी
राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध है।

नई दिल्‍ली, स्टेट ब्यूरो। राजधानी में पुराने वाहनों (निर्धारित आयु पूरी करने वाले) को चलाने वालों के खिलाफ सख्ती होगी। परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। इस तरह की सख्ती जरूरी है। सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम करने के साथ ही राजधानी की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए पुराने वाहनों पर रोक जरूरी है।

वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने वालों पर दस हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। बावजूद इसके लोग पुराने वाहन चला रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण परिवहन विभाग व यातायात पुलिस द्वारा सख्ती नहीं करना है। इसका फायदा उठाकर लोग पुराने वाहन धड़ल्ले से चला रहे हैं।

इस नियम का उल्लंघन किस तरह से हो रहा है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि राजधानी में 45 लाख से ज्यादा वाहन अपनी आयु सीमा को पार कर चुके हैं, लेकिन तीन हजार से भी कम वाहन स्क्रैप किए गए हैं। अन्य पुराने वाहन या तो दिल्ली के बाहर बेच दिए गए हैं या फिर राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यह स्थिति किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

पुराने वाहनों से दुघर्टना की आशंका बनी रहती है। इसके साथ ही इन वाहनों से वायु प्रदूषण भी ज्यादा होता है। दिल्ली में कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 1.10 करोड़ के करीब है और इसमें से 40 फीसद से ज्यादा वाहन 15 साल से पहले के पंजीकृत हैं। यदि इन वाहनों को हटा लिया जाए तो सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम होगी जिससे लोगों की आवाजाही आसान होगी। जाम की समस्या से निजात मिलेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। वायु प्रदूषण का स्तर कम होगा, इसलिए इस दिशा में किसी तरह की लापरवाही ठीक नहीं है।

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