यूपी के जिन दो छात्र-छात्राओं को ISRO ने सराहा था, सड़क हादसे में चली गई जान

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-168 के पास रविवार दोपहर हुए सड़क हादसे में बीटेक के छात्र-छात्रा की मौत हो गई। उनकी पहचान उत्कर्ष (20) व वैष्णवी (20) के रूप में हुई है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 11:49 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 03:29 PM (IST)
यूपी के जिन दो छात्र-छात्राओं को ISRO ने सराहा था, सड़क हादसे में चली गई जान
यूपी के जिन दो छात्र-छात्राओं को ISRO ने सराहा था, सड़क हादसे में चली गई जान

नोएडा, जेएनएन। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-168 के पास रविवार दोपहर हुए सड़क हादसे में बीटेक के छात्र-छात्रा की मौत हो गई। उनकी पहचान उत्कर्ष (20) व वैष्णवी (20) के रूप में हुई है। दोनों स्कूटी पर ग्रेटर नोएडा से नोएडा आ रहे थे।

उत्कर्ष इलाहाबाद और वैष्णवी आवास विकास कॉलोनी पांडेयपुर, वाराणसी की रहने वाली थीं। दोनों ही नॉलेज पार्क स्थित आइआइएमटी कॉलेज से बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन) कर रहे थे। यह उनका तीसरा वर्ष था। उत्कर्ष अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। पिता लखनऊ में इंजीनियर हैं। उनकी बड़ी बहन मुंबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वहीं, वैष्णवी के पिता वाराणसी स्थित एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं। उत्कर्ष के दोस्त निर्भय ने बताया कि दोनों ड्रोन कैमरे के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।

इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ सामान खरीदने के लिए वे स्कूटी से नोएडा आ रहे थे। सेक्टर-168 के सामने रोडवेज बस चालक ने उन्हें ओवरटेक किया और सवारी उतारने के लिए वाहन को रोक दिया। इससे स्कूटी की बस से जोरदार टक्कर लगी। एक्सप्रेस-वे कोतवाली के प्रभारी विनोद यादव का कहना है कि हादसे के बाद बस चालक फरार हो गया है। बस को कब्जे में ले लिया गया है।

सड़क हादसे में जान गंवाने वाले उत्कर्ष लखनऊ से नोएडा आए थे

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे में जान गंवाने वाले उत्कर्ष लखनऊ से नोएडा आए थे। उत्कर्ष के दोस्त निर्भय का कहना है कि दोनों ही पढ़ने में मेधावी थे। दोनों ने मिल कर अक्टूबर 2018 में छोटा ड्रोन बनाया था। नवंबर में दोनों ने बंगलुरू स्थित इसरो में प्रजेंटेशन दिया था। इसरो ने प्रोजेक्ट को काफी सराहा और चयनित कर लिया था। 4 जनवरी को इसरो में पहला ऑडिट हुआ था। यह ऑडिट भी काफी सफल रहा। अब तीसरा ऑडिट मार्च में होने वाला था। इस पर दोनों काम कर रहे थे।

लैब टेक्नीशियन की नौकरी भी कर रहे थे उत्कर्ष

निर्भय ने बताया कि उत्कर्ष को कॉलेज में ही लैब टेक्निशियन की नौकरी मिल गई थी। वह कुछ छात्रों को घर जाकर ट्यूशन भी पढ़ाते थे। उनकी बहन की फरवरी में शादी होने वाली है। वह बहन की शादी के लिए रुपये भी एकत्र कर रहे थे।

हेल्मेट पहना होता तो शायद बच जाती जान

उत्कर्ष और वैष्णवी दोनों ने हादसे के दौरान हेल्मेट नहीं पहना हुआ था। हादसे के समय वहां मौजूद लोगों का कहना है कि यदि दोनों ने हेल्मेट पहना तो उनकी जान बच जाती।

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