Pollution in India: उत्तर भारत के शहरों का औसत प्रदूषण दक्षिण भारत के शहरों से 3 गुना अधिक

Pollution in India रिपोर्ट के मुताबिक इस साल गर्मी और मानसून के महीनों के दौरान पीएम 2.5 का औसत स्तर पिछले साल की तुलना में कम रहा हो लेकिन गर्मियों में लॉकडाउन से सर्दियों में पीएम 2.5 की सांद्रता कई शहरों में 2019 की सर्दियों के मुकाबले बढ़ी है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 10:05 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 10:05 AM (IST)
Pollution in India: उत्तर भारत के शहरों का औसत प्रदूषण दक्षिण भारत के शहरों से 3 गुना अधिक
सबसे प्रदूषित क्लस्टर दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। उत्तर भारत के शहरों का औसत प्रदूषण दक्षिण भारत के शहरों से तीन गुना अधिक है। यह दावा है सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) का। दरअसल, 2020-21 की सर्दियों और पिछले सर्दियों के बीच के अंतर पर प्रकाश डालने के लिए सीएसई ने विभिन्न शहरों से वास्तविक समय के आंकड़ों का विस्तृत विश्लेषण किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भले ही गर्मी और मानसून के महीनों के दौरान पीएम 2.5 का औसत स्तर पिछले साल की तुलना में कम रहा हो, लेकिन गर्मियों में लाकडाउनके कारण सर्दियों में पीएम 2.5 की सांद्रता कई शहरों में 2019 की सर्दियों के मुकाबले बढ़ी है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि सर्दियों के प्रदूषण को रोकने के लिए वाहनों, उद्योगों, बिजली संयंत्रों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए और क्षेत्रीय पैमाने पर वार्षिक सुधार को बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय सुधारों की आवश्यकता है।

इन सर्दियों में पीएम 2.5 का स्तर 99 में से 43 शहरों में काफी खराब हो गया है। शहरों के इस पूल में ज्यादातर टीयर-एक या उससे भी छोटे शहर शामिल हैं। उनमें सबसे प्रमुख हैं गुरुग्राम, लखनऊ, जयपुर, विशाखापत्तनम, आगरा, नवी मुंबई और जोधपुर। कोलकाता इस समूह का एकमात्र मेगा शहर है।

दूसरी ओर उत्तर भारत में, दिल्ली सहित अन्य शहरों ने रिवर्स का अनुभव किया है। अर्थात मौसमी औसत में वृद्धि, लेकिन मौसमी शिखर में गिरावट। इसके लिए प्रदूषण के प्रमुख क्षेत्रों- वाहनों, उद्योग, बिजली संयंत्रों और अपशिष्ट प्रबंधन में त्वरित सुधार और कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि सर्दियों के प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और वार्षिक वायु प्रदूषण वक्र को कम किया जा सके। सर्दियों के अधिकांश प्रदूषित शहर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में स्थित थे। वास्तव में शीर्ष 10 में से आठ उत्तर प्रदेश के शहर थे, जिनमें गाजियाबाद और बुलंदशहर शीर्ष स्थान पर थे। पांचवें नंबर पर दिल्ली और 10 वें नंबर पर राजस्थान के भिवाड़ी एकमात्र अपवाद थे।

स्थिर प्रवृत्ति वाले शहर

उत्तर भारत के 15 शहर स्थिर प्रवृत्ति दिखाते हैं, यानी पिछली सर्दियों से आठ फीसद से कम बदलाव। ये हैं फरीदाबाद, वाराणसी, जालंधर, खन्ना, नोएडा, अंबाला, पटियाला, अमृतसर, रूपनगर, गाजियाबाद, नारनौल, दिल्ली, मुरादाबाद, ग्रेटर नोएडा और कानपुर। वहीं क्षेत्र के 26 शहर बढ़ते रुझान को दर्शाते हैं, अर्थात पिछली सर्दियों से आठ फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है। हरियाणा के फतेहाबाद में सर्वाधिक उछाल देखा गया।

सबसे प्रदूषित क्लस्टर

सबसे प्रदूषित क्लस्टर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र है, जिसमें गाजियाबाद बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा, नोएडा और दिल्ली पैक प्रमुख हैं। कानपुर और लखनऊ छठे और नौवें स्थान पर कब्जा किया।

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