LNGP Hospital की सहायक प्रोफेसर ने दानिक्स अधिकारी पर लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप

लोकनायक अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में कार्यरत एक सहायक प्रोफेसर ने अस्पताल में तैनात दानिक्स अधिकारी पर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। फिलहाल सर्जिकल वार्ड में कार्यरत सहायक प्रोफ़ेसर ने मामले की शिकायत अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा सुरेश कुमार को पत्र लिख कर दी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:15 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:15 PM (IST)
LNGP Hospital की सहायक प्रोफेसर ने दानिक्स अधिकारी पर लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप
मामले की शिकायत लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक को पत्र लिख कर दी गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लोकनायक अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में कार्यरत एक सहायक प्रोफेसर ने अस्पताल में तैनात दानिक्स अधिकारी अंशुमान यादव पर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। फिलहाल सर्जिकल वार्ड में कार्यरत सहायक प्रोफ़ेसर डाक्टर अर्पिता गुप्ता ने मामले की शिकायत लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा सुरेश कुमार को पत्र लिख कर दी है।

चिकित्सा निदेशक को संबोधित पत्र में डा. ने लिखा है कि दो मई को यादव ने उनको नर्सिंग स्टाफ से संबंधित काम को लेकर फोन पर काफी डांटा साथ ही उन्हें देख लेने की धमकी दी। जबकि वह काम उनसे संबंधित नहीं था। अंशुमान के इस व्यवहार के बारे में डा. गुप्ता ने तुरंत डा संदीप गर्ग को बताया। साथ ही चिकित्सा निदेशक कार्यालय में फोन करके भी सूचना दी। इसके बाद दोबारा अंशुमान ने उन्हें फोन करके अस्पताल में काम न करने देने की धमकी दी। जिससे वह डर गईं। साथ ही जब यादव उनके वार्ड में दौरे पर आए तो भी उन पर चिल्लाते हुए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया।

डा. गुप्ता ने पत्र में आगे लिखा है कि कोरोना महामारी के समय में काम कर रहे डाक्टरों का इस तरह के व्यवहार से मनोबल गिरता है। इसलिए मेरी शिकायत को देखें। इसके साथ मौलाना आजाद मेडिकल कालेज टीचर्स एसोसिएशन की ओर से भी चिकित्सा निदेशक को पत्र लिखकर कोविड-19 ड्यूटी में लगे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने की शिकायत की है।

साथ ही अधिकारियों द्वारा डाक्टरों के चिकित्सकीय निर्णय लेने में दखल देने से मरीजों के इलाज पर भी असर पड़ने की बात कही है। वहीं, दोनों शिकायती पत्रों के मामले में पूछने पर लोकनायक के चिकित्सा निदेशक डा सुरेश कुमार ने बताया कि शिकायत को नोडल अधिकारी वह स्वास्थ सचिव को भेज दिया गया है।

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