PM मोदी को सौंपी गईं मूर्तियों के इंतजार में एएसआइ, दिल्ली के इस संग्रहालय में होंगी प्रदर्शित

एएसआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जो मूर्तियां आनी हैं इनकी कीमत नहीं आंकी जा सकती है ये अमूल्य हैं। उन्होंने बताया कि मूर्ति तस्कर सुभाष कपूर द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से चोरी कर इन्हें अमेरिका में बेचा गया था।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:23 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 11:27 AM (IST)
PM मोदी को सौंपी गईं मूर्तियों के इंतजार में एएसआइ, दिल्ली के इस संग्रहालय में होंगी प्रदर्शित
दिसंबर तक सभी मूर्तियां दिल्ली पहुंच जाएंगी।

नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिका द्वारा सौंपी गईं 157 मूर्तियों के इंतजार में है। इन मूर्तियों का एएसआइ को इंतजार इसलिए है क्योंकि जिस पुराने किले के संग्रहालय में इन्हें प्रदर्शित किया जाएगा वह बनकर तैयार है। इन मूर्तियों को रखने के लिए अलग- अलग कांच के बाक्स बनाए जाने हैं। मूर्तियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो हर एंगल से मूर्तियों को कवर करेंगे। अभी ये मूर्तियां अमेरिका में हैं, जिन्हें लाए जाने की तैयारी हो रही है। ये मूर्तियां एक साथ न आकर अलग- अलग हिस्सों में आएंगी। दिसंबर तक सभी मूर्तियां दिल्ली पहुंच जाएंगी।

नहीं आंकी जा सकती कीमत, यह अमूल्य

एएसआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जो मूर्तियां आनी हैं इनकी कीमत नहीं आंकी जा सकती है, ये अमूल्य हैं। उन्होंने बताया कि मूर्ति तस्कर सुभाष कपूर द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से चोरी कर इन्हें अमेरिका में बेचा गया था। कौन सी मूर्ति अपने देश से कब और कहां से चोरी हुई है, इसके बारे में अभी जानकारी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि सभी मूर्तियों का पुरातात्विक अध्ययन कराया जा चुका है।

15 दिनों के अध्ययन के बाद लौटी थी टीम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर जाने से पहले ही एएसआइ के पुरावशेष विंग के निदेशक अनिल तिवारी के नेतृत्व में एक टीम करीब 15 दिन लगाकर वहां मूर्तियों का अध्ययन करके लौट आई थी। कुछ साल पहले भी तत्कालीन अतिरिक्त महानिदेशक उर्मिला संत के नेतृत्व में एक टीम ने भी इनमें शामिल 84 मूर्तियों का अध्ययन किया था।

धरोधरों की यह सबसे बड़ी संख्या

किसी देश द्वारा प्रधानमंत्री को लौटाई जाने वाली धरोहरों की यह सबसे बड़ी संख्या है। इनमें अधिकतर विभिन्न धर्मो से संबंधित 10वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी के दौरान की हैं। मूर्तियों की सूची में 10वीं शताब्दी के बलुआ पत्थर की मूर्तियों से लेकर कांस्य की बनीं नटराज की मूर्तियां के अलावा 2000 ईसा पूर्व की तांबे से बनी मानवकृति भी शामिल हैं।

chat bot
आपका साथी