पुलिस कार्रवाई करती तो बच सकती थी एएसआइ की बेटी की जान, लापरवाही आयी सामने
दंपती के बीच झगड़े में मारपीट होने पर शिक्षिका पत्नी ने दिल्ली पुलिस में एएसआइ पिता के साथ केशवपुरम थाने में 2 अक्टूबर को शिकायत की थी। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर युवती ने 14 अक्टूबर को मायके में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पेशेवर मानी जानी वाली दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मी कई बार इस तरह की लापरवाही कर बैठते हैं जो महकमे की छवि धूमिल कर देती है। ताजा मामला केशवपुरम का सामने आया है। दंपती के बीच झगड़े में मारपीट होने पर शिक्षिका पत्नी ने दिल्ली पुलिस में एएसआइ पिता के साथ केशवपुरम थाने में 2 अक्टूबर को शिकायत की थी। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर युवती ने 14 अक्टूबर को मायके में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली। एएसआइ का आरोप है कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई की होती तब बेटी की जान बच सकती थी।
28 वर्षीय निशा की शादी 28 फरवरी 2020 को त्रिनगर, लेखू विहार में रहने वाले प्रताप सिंह से हुई थी। प्रताप सिंह नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करते हैं। निशा के पिता जोगिंदर सिंह दिल्ली पुलिस में एएसआइ हैं। उनकी तैनाती आजादपुर मेट्रो थाने में है। वह पीतमपुरा पुलिस लाइन में परिवार के साथ रहते हैं। शादी में बतौर दहेज के रूप में एएसआइ ने बेटी के नाम खाता खुलवा 10 लाख जमा करवा दिया था।
निशा संगम विहार स्थित जैन पब्लिक स्कूल में अंग्रेजी की शिक्षिका थी। शादी के महज आठ माह बाद ही दहेज के कारण हुए झगड़े के बाद पति ने निशा को घर से निकाल दिया था। एएसआइ का कहना है कि मामले को लेकर पहले पंचायत आदि के जरिये सुलह की कोशिश की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। तब बीते 2 अक्टूबर को वह बेटी निशा को लेकर पति के घर छोड़ने चले गए। लेकिन पति व ससुराल वालों ने निशा को घर में प्रवेश करने नहीं दिया। धक्का मुक्की में निशा को चोट आई।
पुलिस को काल करने पर केशवपुरम थाना पुलिस ने निशा व उसके पति को थाने बुलाया। निशा का मेडिकल भी कराया गया। उसने पति व ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पूछताछ के बाद निशा के पति को छोड़ दिया गया। कहीं से कोई न्याय नहीं मिलने पर 14 अक्टूबर को निशा ने पीतमपुरा पुलिस लाइन स्थित मायके में खुदकुशी कर ली। उसने सुसाइड नोट में पति व ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। इसके बाद मंगोलपुरी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर जेल दिया।