टोक्यो पैरालंपिक में नहीं चुने जाने पर अर्जुन अवार्डी निशानेबाज नरेश शर्मा पहुंचे हाई कोर्ट

अर्जुन अवार्डी निशानेबाज नरेश शर्मा ने टोक्यो पैरालंपिक में नहीं चुने जाने पर दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। याचिका में भारत की पैरालंपिक समिति (पीसीआई) को भारत में पैरा स्पोर्ट्स के प्रचार और विकास के लिए शीर्ष निकाय को निर्देश देने की मांग की गई है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 12:46 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:10 PM (IST)
टोक्यो पैरालंपिक में नहीं चुने जाने पर अर्जुन अवार्डी निशानेबाज नरेश शर्मा पहुंचे हाई कोर्ट
टोक्यो पैरालंपिक में नहीं चुने जाने पर अर्जुन अवार्डी निशानेबाज नरेश शर्मा पहुंचे हाई कोर्ट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पांच बार के पैरालिंपियन शूटर व अर्जुन पुरस्कार विजेता नरेश कुमार शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ओलिंपिक कमेटी आफ इंडिया (पीसीआइ) को अपना पक्ष पेश करने को कहा है। टोक्यो आेलिंपिक के लिए चयन नहीं होने के खिलाफ दायर नरेश की याचिका पर न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने पीसीआइ की तरफ से पेश अधिवक्ता नवीन कुमार चौधरी को मामले पर निर्देश लेकर शुक्रवार को जानकारी देने का निर्देश दिया। मामले में अाज सुनवाई जारी रहेगी।

पीठ ने शूटर शर्मा के वकील द्वारा पार्टियों के ज्ञापन में संशोधन करने और टोक्यो आेलिंपिक में भाग लेने वाले शूटर दीपक का नाम शामिल करने का मौखिक अनुमति दी।

शूटर शर्मा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता जतन सिंह ने आरोप लगाया कि चयन पैनल, पीसीआइ ने न्यूनतम क्वालीफाइंग स्कोर हासिल करने एवं सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बावजूद उनका चयन नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया निष्पक्ष व पादर्शी तरीके से नहीं पूरी की गई और उनका नाम जानबूझकर और मनमाने ढंग से नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने अनुरोध किया कि उनका नाम आइ-सात स्पर्धा के लिए चयनित निशानेबाजों की सूची में शामिल करने के संबंध में पीसीआइ को निर्देश दिया जाये। याचिका में कहा गया है कि यह चयन प्रक्रिया भारत की राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 का उल्लंघन है।

नताशा नरवाल को दिया पीएचडी कार्यक्रम के लिए प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन

वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि उसने दिल्ली दंगे के मामले में आरोपित छात्रा नताशा नरवाल को पीएचडी कार्यक्रम के लिए प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन दे दिया गया है। जेएनयू की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष यह जानकारी दी। उन्होंने बताया िकि नरवाल को मानसून सेमेस्टर-2020 और शीतकालीन सेमेस्टर-2021 के लिए सेंटर फार हिस्टोरिक स्टडीज में प्रोविजनल रूप से पंजीकृत किया गया है।

जेएनयू के बयान को रिकार्ड पर लेते हुए पीठ ने यह कहते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि अब इस पर आगे आदेश पारित करने की जरूरत नहीं है। नताशा नरवाल ने जेएनयू को उसे प्रवेश देने और विश्वविद्यालय में खुद को पंजीकृत करने के लिए लाग-इन आइडी और पासवर्ड जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी। दिल्ली दंगा मामले में आरोपित नरवाल को हाई कोर्ट ने 15 जून को जमानत दी थी। हाई कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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