अमेरिका में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे अभिषेक, 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कर चुके हैं सम्मानित

तीरंदाज अभिषेक ने बताया कि दिल्ली विश्व विद्यालय में पढ़ाई के साथ ही तीरंदाजी का शौक बना। वर्ष 2003 में माल रोड स्थित दिल्ली क्रीड़ा स्थल में भारतीय तीरंदाजी कोच लोकेश चंद से मुलाकात हुई और उन्हीं से तीरंदाजी के गुर सीखना शुरू किया।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 12:49 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 12:49 PM (IST)
अमेरिका में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे अभिषेक, 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कर चुके हैं सम्मानित
तीरंदाज अभिषेक वर्मा की फाइल फोटो। सौ, स्वंय

नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। विवेक विहार स्थित यमुना स्पोट्र्स कांप्लेक्स के तीरंदाज अभिषेक वर्मा अमेरिका के यांगटन में आयोजित सीनियर वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप 2021 में हिस्सा लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह चैंपियनशिप 19 से 26 सितंबर तक चलेगी। हरियाणा के सोनीपत में 2 से 5 अगस्त, 2021 तक सीनियर वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप के लिए खेले जा रहे ट्रायल में अभिषेक की ओर से किए गए शानदार प्रदर्शन के आधार पर उनका भारतीय तीरंदाजी टीम में चयन हुआ है और वे दिल्ली के एकमात्र चयनित खिलाड़ी हैं। इससे पहले विभिन्न चैंपियनशिप में अभिषेक भारत को पदक दिलवा चुके है।

तीरंदाज अभिषेक ने बताया कि दिल्ली विश्व विद्यालय में पढ़ाई के साथ ही तीरंदाजी का शौक बना। वर्ष 2003 में माल रोड स्थित दिल्ली क्रीड़ा स्थल में भारतीय तीरंदाजी कोच लोकेश चंद से मुलाकात हुई और उन्हीं से तीरंदाजी के गुर सीखना शुरू किया। जब दिल्ली टीम का चयन हुआ तो वह पांचवें नंबर पर थे, लेकिन बेहतर कर तीसरे नंबर पर आ गए।

पहली बार वर्ष 2006 में मलेशिया में आयोजित एशियाई ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में रजत पदक हासिल किया। 2011 में चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया। 2014 व 2015 में पोलैंड में आयोजित तीरंदाजी वर्ल्ड कप में रजत व स्वर्ण पदक जीता और 2015 में चीन में तीरंदाजी के विश्व प्रतियोगिता में वह भारत के लिए वर्ल्ड कप भी लेकर आए। उनकी प्रतिभा को देखते हुए 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अजरुन अवार्ड देकर सम्मानित किया।

अभिषेक का कहना है कि अमेरिका में आयोजित होने वाले इस प्रतियोगिता के लिए वह काफी समय से मेहनत कर रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार भी वह पदक जीतकर देश का मान बढ़ाएंगे।

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