राष्ट्रपति से सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की मांग
सांसद मीनाक्षी लेखी के नेतृत्व में भाजपा व सिख नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति भवन पहुंचा और 1984 के सिख विरोधी दंगा पीडि़तों को इंसाफ दिलाने की मांग की।
नई दिल्ली, जेएनएन। सांसद मीनाक्षी लेखी के नेतृत्व में भाजपा व सिख नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति भवन पहुंचा और 1984 के सिख विरोधी दंगा पीडि़तों को इंसाफ दिलाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बताया कि मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा आठ महीने विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया था, लेकिन इसके तीसरे सदस्य की नियुक्ति अब तक नहीं होने से जांच नहीं हो पा रही है। एसआइटी के तीसरे सदस्य की नियुक्ति शीघ्र की जाए।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 34 वर्षो से दंगा पीडि़त परिवार इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों के उपेक्षापूर्ण रवैये से दंगे के दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। सिख विरोधी दंगे से संबंधित मामले की जांच के लिए इस वर्ष जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एसआइटी का गठन किया था, जिससे पीड़ितों में इंसाफ की उम्मीद जगी थी। एसआइटी में तीन सदस्य होने चाहिए लेकिन एक पद अभी भी रिक्त है। एसआइटी को दो महीने में जांच रिपोर्ट देनी थी। इसके पास 186 मामले भी पहुंचे हैं, लेकिन एक पद रिक्त होने से जांच आगे नहीं बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि सिख विरोधी दंगे के कई गवाहों की मृत्यु हो चुकी है। इसलिए यह जरूरी है कि जांच में तेजी लाई जाए। राष्ट्रपति को तीसरे सदस्य की नियुक्ति का आदेश देना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व थलसेना अध्यक्ष जेजे सिंह, सिख फोरम के सदस्य व भाजपा नेता आरपी सिंह, अधिवक्ता गुरचरण सिंह गिल व रुपिंदर सिंह शामिल थे।