Kisan Andolan: किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा, रोड खाली कराने पर बनेगी रणनीति; 20 जून को होगी महापंचायत
Kisan Andolan सोमवार को पंचायत में आंदोलनकारियों द्वारा आए दिन रोड बंद करने और ग्रामीणों के साथ मारपीट करने का विरोध करते हुए निर्णय लिया गया कि इनके खिलाफ 20 जून को गांव जाटी के व्यायामशाला में महापंचायत आयोजित की जाएगी।
नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (शाहजहांपर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आगामी 28 जून को किसानों का आंदोलन सात महीने का हो जाएगा। इस बीच 26 जून को आपातकाल दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़े धरना प्रदर्शन की तैयारी की है। उधर, दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोधी में धरना देकर बैठे आंदोलनकारियों के हिंसक व्यवहार को लेकर सोमवार को सेरसा गांव में आसपास के दर्जनभर गांव के लोगों की पंचायत हुई।
सोमवार को पंचायत में आंदोलनकारियों द्वारा आए दिन रोड बंद करने और ग्रामीणों के साथ मारपीट करने का विरोध करते हुए निर्णय लिया गया कि इनके खिलाफ 20 जून को गांव जाटी के व्यायामशाला में महापंचायत आयोजित की जाएगी। इस महापंचायत में निर्णय लिया जाएगा कि आंदोलनकारियों से किस तरह से रोड खाली कराया जाए। सेरसा गांव के प्रधान मोनू ने कहा कि आंदोलनकारियों ने अब हद पार कर लोगों पर हमले करने शुरू कर दिए हैं। गांवों के संपर्क मार्ग तक बंद करके उनको कैद कर दिया है। विरोध करने पर मारपीट की जाती है। इसलिए महापंचायत में इनसे रोड खाली करवाने और इनके हिंसक व्यवहार का प्रतिरोध करने की रणनीति बनाई जाएगी। महापंचायत में आसपास के करीब तीन दर्जन गांवों के हजारों लोगों जुटेंगे। इसके लिए गांवों में जाकर डोर-टू-डोर संपर्क अभियान भी शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जून को राजभवनों के घेराव का एलान किया है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को 40 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने जानकारी दी कि दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन को सात महीने पूरे होने पर 26 जून को सभी राज्यों के राज्यपालों के सरकारी आवासों का घेराव किया जाएगा। वहीं, किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि 26 जून को 'खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम राजभवनों के बाहर काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन करेंगे और राज्यपालों के जरिये राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजेंगे। 26 जून को 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था और इस साल इसी दिन आंदोलन के सात महीने पूरे हो रहे हैं। किसानों के साथ-साथ लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है। यह अघोषित आपातकाल है।