मुश्किल घड़ी में लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैं अंजू, कोरोना मरीजों के लिए ढूंढ़ रही प्लाज्मा डोनर

कोरोना मरीजों को प्‍लाज्‍मा खोजने में मदद की कड़ी साबित हो रही हैं अंजू कोहली। यह ना सिर्फ कोरोना बल्‍कि कई और सामाजिक कामों के जरिए लोगाें की मदद करती हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 04:29 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:29 PM (IST)
मुश्किल घड़ी में लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैं अंजू, कोरोना मरीजों के लिए ढूंढ़ रही प्लाज्मा डोनर
मुश्किल घड़ी में लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैं अंजू, कोरोना मरीजों के लिए ढूंढ़ रही प्लाज्मा डोनर

नई  दिल्ली [मनीषा गर्ग]। कोरोना को मात देने के फिलहाल चिकित्सकों के पास कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन प्लाज्मा जीवन रक्षक साबित हो रहा है। हालांकि, प्लाज्मा दान करने वाले लोगों की संख्या फिलहाल काफी सीमित है। ऐसे लोगों को डोनर की तलाश काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। तीमारदार सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगा रहे है, पर कुछ एकाध मामलों में ही लोगों को मदद मिल पा रही है। ऐसी परिस्थिति में न्यू महावीर नगर निवासी अंजू कोहली लोगों के लिए फरिश्ता साबित हो रही हैं।

मदद के लिए हमेशा रहती हैं तत्पर

सोशल मीडिया पर एक्टिव अंजू ऐसे लोगों की मदद को तत्पर रहती हैं। वे जरूरतमंद लोगों के मैसेज उन लोगों तक पहुंचाती है, जहां उन्हें मदद प्राप्त हो सके। उनके इस काम को पश्चिमी जिला उपायुक्त नेहा बंसल ने काफी सराहा है। नेहा बंसल का कहना है कि आज सामाज में कम ही ऐसे लोग है जो मुश्किल घड़ी में दूसरों की मदद को तत्पर है। सोशल मीडिया पर गुहार लगाने वाले हर व्यक्ति को मदद मिले, ऐसा जरूरी नहीं है। पर अंजू ऐसे लोगों की आवाज को उचित लोगों के समक्ष रखकर उनकी परेशानी को कम कर रही हैं।  

अंजू के प्रयास से कई लोगों को मिला फायदा

अंजू बताती हैं कि उनके प्रयास से कई जरूरतमंद संक्रमित लोगों को प्लाज्मा मिला चुका है और आज वे स्वस्थ है और अपने परिवार के साथ है। न सिर्फ प्लाज्मा बल्कि और भी तरह की समस्या से जूझ रहे लोग जैसे गंदगी व नालियों की सफाई का समाधान तत्परता से करवाती हैं।

लॉकडाउन में भूखे लोगों को खिलाया खाना

लॉकडाउन के दौरान कई निजी संस्थाओं की मदद से अंजू ने भूखे लोगों की थाली भरने का काम किया है। अंजू का कहना हैं कि एक इंसान ही इंसान की मदद कर सकता है। यह संघर्ष का समय है। इस समय हमें मजबूती से उभरना है। अाज यदि हम दूसरों की मदद नहीं करेंगे तो कल जब हमे दूसरों की मदद की जरूरत होगी तो वे कैसे हमारी मदद को आगे आएंगे।

अब काम से मिली रही पॉजिटिव एनर्जी

अपनी कहानी का जिक्र करते हुए अंजू बताती हैं कि तीन वर्ष पूर्व वे निजी जीवन में विभिन्न परेशानियों के कारण काफी तनावग्रस्त हो गई थी। जिसके कारण उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा था। उस समय चिकित्सकों ने उन्हें सलाह दी कि अपने ध्यान ऐसे कामों में लगाइए, जहां आप अच्छा महसूस करें। तब चिकित्सकों की सलाह पर मैंने अपने घर के पास डीडीए की खाली जमीन पर पार्क विकसित करने का मन बनाया। हालांकि शुरुआत में काफी परेशानी हुई, लेकिन मैंने कोशिश नहीं छोड़ी और डीडीए की मदद से उस उजड़ जमीन को हरे-भरे पार्क में विकसित किया। आज कई लोग उसमें सैर के लिए जाते हैं और स्वच्छ हवा का आनंद लेते हैं।

करती हैं पौधों की देखभाल

इसी तरह अंजू ने अपने आसपास काफी संख्या में पौधरोपण का काम किया है। विशेषकर जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर में अंजू ने अपने परिवार के साथ मिलकर कई पौधे लगाए और उनकी देखभाल भी की। आज वे पौधे बड़े होकर सबको शीतलता प्रदान कर रहे हैं। ठीक इसी प्रकार पुलिस की मदद से अंजू महिलाओं व युवतियों के लिए आत्मसुरक्षा शिविर का आयोजन कर चुकी है। विभिन्न संस्थाओं की मदद से क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है। अंजू बताती हैं कि उन्हें सामाजिक कार्याें को करने से काफी प्रसन्नता मिलती है। उनकी इस अच्छी आदत का प्रभाव उनके बच्चों पर भी पड़ रहा है और आज वे भी अपने आसपास जरूरतमंद लोगों की मदद को तत्पर रहते हैं।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक

chat bot
आपका साथी