Haryana JBT Teacher Recruitment Scam: पढ़िये- पूरा मामला, जिसमें सजा काट रहे हैं हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला

हरियाणा का जेबीटी घोटाला उजागर करने में अहम भूमिका तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने निभाई थी। संजीव कुमार वह शख्सियत थे जिन्होंने इस घोटाले की जांच को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिाक दायर की थी।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 02:57 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 02:57 PM (IST)
Haryana JBT Teacher Recruitment Scam: पढ़िये- पूरा मामला, जिसमें सजा काट रहे हैं हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला
जांच आगे बढ़ने के साथ घोटाले की परतें खुलती गईं।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हरियाणा के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को फिर राहत प्रदान की है। कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल 9 मार्च तक बढ़ा दी है। आइये जानते हैं कि क्या था शिक्षक भर्ती घोटाला और कैसे एक-एक कर सामने आए इसके किरदार। इसके बाद पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे   अजय चौटाला को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा था।

संजीव बने घोटाले के खुलासे के सबसे बड़े किरदार

हरियाणा का जेबीटी घोटाला उजागर करने में अहम भूमिका तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने निभाई थी। संजीव कुमार वह शख्सियत थे, जिन्होंने इस घोटाले की जांच को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिाक दायर की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने घोटाले की शुरुआती जांच वर्ष 2003 में शुरू की थी। इसके बाद जांच आगे बढ़ने के साथ घोटाले की परतें खुलती गईं। 

ओम प्रकाश चौटाला समेत 62 अफसरों पर दर्ज हुई थी FIR

सीबीआइ ने जांच शुरू की तो किसी को यकीन नहीं था कि यह अपने अंजाम तक पहुंचा और इसमें पूर्व सीएम तक को जेल जाना पड़ेगा, लेकिन ऐसा हुआ। दरअसल, जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आने के बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय सिंह चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी, राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

आवाज उठाने वाला ही बन गया आरोपित

जेबीटी शिक्षक घोटाला मामले को उजागर करने में महती भूमिका निभाने वाले संजीव कुमार को भी सीबीआइ ने आरोपित बनाते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। सीबीआइ की मानें तो संजीव कुमार भी इस घोटाले में बराबर शामिल रहे थे। सीबीआइ का कहना था कि अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई।

जेबीटी घोटाले में सीबीआइ ने वर्ष 2008 में आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र पेश किया था। सीबीआइ के आरोप पत्र के मुताबिक, साल 1999- 2000 में हरियाणा के 18 जिले में हुई 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में मानदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे अभ्यर्थियों की बहाली की गई थी।

इसके लिए शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेवारी कर्मचारी चयन आयोग से लेकर जिला स्तर पर बनाई गई चयन कमेटी को सौंपी गई थी। जिसने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की गई। इसके लिए जिलास्तरीय चयन कमेटी में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे अभ्यर्थियों के चयन के लिए दिल्ली के हरियाणा भवन व चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बैठकों में दबाव भी बनाया गया था।

इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रमुख और हरियाणा के मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने पर 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने अपने आदेश में सुझाव दिया था कि अवैध रूप से भर्ती किए गए 3,000 से अधिक शिक्षकों को हटा दिया जाना चाहिए।

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