अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की यूजीसी स्तर पर लंबित समस्याओं के समाधान की मांग, अध्यक्ष से मिले महासंघ के पदाधिकारी

महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंघल ने बताया कि देशभर के शिक्षकों की सेवा शर्तों नियुक्तियों और शोध कार्य से संबंधित कई समस्याओं के समाधान हेतु महासंघ की तरफ से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के समक्ष विस्तार से पक्ष रखा गया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:20 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:20 PM (IST)
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की यूजीसी स्तर पर लंबित समस्याओं के समाधान की मांग, अध्यक्ष से मिले महासंघ के पदाधिकारी
यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह से मिला अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह से विस्तृत भेंटवार्ता करके यूजीसी के स्तर पर लंबित विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की। इस संबंध में जानकारी देते हुए महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंघल ने बताया कि देशभर के शिक्षकों की सेवा शर्तों, नियुक्तियों और शोध कार्य से संबंधित कई समस्याओं के समाधान हेतु महासंघ की तरफ से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के समक्ष विस्तार से पक्ष रखा गया ।

इन समस्याओं में प्रमुख रूप से सेवारत शिक्षकों को कोर्स वर्क से मुक्त करने अथवा अन्य व्यवस्था करने, रिफ्रेशर एवं ओरियंटेशन कोर्स छूट की अवधि को 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ाने, यूजीसी रेगुलेशन 2018 को पूरे देश में एक समान लागू करने, सेवारत शिक्षकों को पीएचडी पात्रता परीक्षा से छूट देने, यूजीसी रेगुलेशन की विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए विसंगतियों को दूर करने, एमफिल पीएचडी हेतु प्रोत्साहन वेतन वृद्धियों को पूरे देश में एक समान रूप से लागू करने, प्राचार्य पद का कार्यकाल सेवानिवृत्ति तक करने, यूजीसी केयर लिस्ट में शोध जर्नल्स को शामिल करने की प्रक्रिया को अद्यतन एवं पारदर्शी बनाने, उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्त पदों पर भर्ती करने, पुस्तकालयाध्यक्ष शारीरिक शिक्षक सहित अन्य अकादमिक स्टॉफ की सेवा शर्तें शिक्षकों के समान करने, कैरियर उन्नति योजना के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2010 लागू होने की सीमा न्यूनतम 2 वर्ष और बढ़ाने, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर पद पर पीएचडी की अनिवार्यता समाप्त करने आदि विषय शामिल थे ।

यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह ने एक-एक करके सभी विषयों को गंभीरता से सुना और समझा तथा विभिन्न समस्याओं पर महासंघ के मत से अपनी सहमति जताई। प्रोफेसर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इनमें से कुछ विषयों पर महासंघ द्वारा पूर्व में प्रेषित प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही चल रही है । संगठन द्वारा संज्ञान में लाए गए अन्य विषयों पर उन्होंने यूजीसी द्वारा शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही का विश्वास दिलाया । उन्होंने बताया कि महासंघ द्वारा बताए गए कुछ बिंदुओं पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षक हित में सकारात्मक नोट बनाकर सरकार को भेजा जाएगा तथा जिन विषयों को यूजीसी के स्तर पर समाधान होना है उनके लिए जल्दी ही निर्देश जारी किए जाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल ने ब्लेंडेड मोड ऑफ लर्निंग और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से संबंधित विभिन्न चिंताओं को भी यूजीसी अध्यक्ष को अवगत कराया । प्रोफेसर सिंह ने बताया कि अभी यह मुद्दे प्रारंभिक अवस्था में हैं तथा महासंघ द्वारा बताई गई जमीनी वास्तविकताओं के अनुसार ही इन पर काम होगा । प्रोफेसर डी पी सिंह को महासंघ द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का एक सेट भी भेंट किया गया । प्रतिनिधिमंडल में महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जे पी सिंहल, संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, सह संगठन मंत्री जी. लक्ष्मण, अतिरिक्त महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता, सचिव उच्च शिक्षा संवर्ग डॉ गीता भट्ट शामिल थे ।

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