टेलिमेडिसिन से जुड़ेंगे देशभर के सभी 62 छावनी अस्पताल, मरीजों को मिलेगा लाभ
दिल्ली छावनी परिषद में टेलीमेडिसिन कक्ष की शुरुआत की गई जहां बड़ी टीवी स्क्रीन के साथ अत्याधुनिक कैमरे स्पीकर समेत कई उपकरण उपलब्ध हैं। शुरुआती चरण में अभी 11 छावनी अस्पतालों में इस तरह के टेलीमेडिसिन कक्ष का शुभारंभ किया गया है।
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। टेलिमेडिसिन के क्षेत्र में कदम रखते हुए रक्षा मंत्रालय द्वारा एक ऐसी व्यवस्था विकसित की गई है, जिसमें देशभर की 62 छावनी अस्पतालों को जोड़ा गया है। इस व्यवस्था के तहत सभी 62 अस्पतालों के चिकित्सक जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ लेकर मरीजों का उपचार कर सकते हैं। न सिर्फ छावनी के अस्पतालों बल्कि अन्य अस्पतालों के विशेषज्ञों से भी विषयों पर नई-नई जानकारी को प्राप्त कर सकते है।
11 छावनी अस्पताल में टेलीमेडिसिन कक्ष का किया शुभारंभ
बुधवार को दिल्ली छावनी परिषद में टेलीमेडिसिन कक्ष की शुरुआत की गई, जहां बड़ी टीवी स्क्रीन के साथ अत्याधुनिक कैमरे, स्पीकर समेत कई उपकरण उपलब्ध हैं। शुरुआती चरण में अभी 11 छावनी अस्पतालों में इस तरह के टेलीमेडिसिन कक्ष का शुभारंभ किया गया है। धीरे-धीरे अन्य छावनी अस्पतालों में भी इसका विस्तार किया जाएगा। इस योजना से डिस्पेंसरियों को भी जोड़ने की पहल की जाएगी।
डेंगू को रोकने के प्रबंधन पर दी महत्वपूर्ण जानकारी
पहले दिन एम्स अस्पताल के सहायक प्रोफेसर डा. वेद प्रकाश ने डेंगू के प्रबंधन पर छावनी अस्पताल के चिकित्सकों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. गुरदेव सिंह ने बताया कि बदलते समय के अनुरूप छावनी अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार निरंतर जारी है।
मरीजों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण उपचार
इस नई व्यवस्था से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार मिलेगा। इसके साथ ही अब दूर बैठे मरीज भी चिकित्सा सुविधा का लाभ ले सकेगा और चिकित्सकों को भी अपनी जानकारी का विस्तार करने का अवसर प्राप्त होगा। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि झरहेड़ा, महरम नगर, पुराना नांगलराया कुछ ऐसे गांव है जिनसे छावनी अस्पताल की दूरी अधिक है।
डिस्पेंसरी की सुविधा उपलब्ध
हालांकि, यहां डिस्पेंसरी की सुविधा उपलब्ध है, पर चिकित्सा विशेषज्ञ सलाह के लिए लोगों को लंबी दूरी तय कर अस्पताल आना पड़ता है। पर अब टेलीमेडिसिन की सुविधा के शुरू होने के बाद यह दूरी न सिर्फ कम होगी बल्कि घर बैठे अधिक से अधिक लोग चिकित्सीय सलाह का लाभ ले सकेंगे। इसके अलावा कई छावनियां ऐसी है जहां कई चिकित्सा विशेषज्ञ नहीं है, ऐसे में वे अन्य छावनी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह पर मरीज को उचित इलाज उपलब्ध करा सकते हैं।