कोर्ट में मारपीट मामले में अकाली नेताओं ने लगाया धमकी देने का आरोप
अकाली नेताओं ने दोषियों के परिजनों पर धक्का-मुक्की करने व धमकी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस की उपस्थिति में अंजाम भुगतने की धमकी दी गई।
नई दिल्ली,जेएनएन। अकाली नेताओं ने दोषियों के परिजनों पर धक्का-मुक्की करने व धमकी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस की उपस्थिति में अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। उन्होंने अगली सुनवाई में अदालत में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दोषियों के साथ काफी संख्या में लोग आए थे।
वे जिस तरह से परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे थे, उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब पुलिस की हिरासत में दोषी को ले जाया जा रहा था तो उसके साथ इतनी संख्या में लोगों को चलने की अनुमति कैसे मिली? पुलिस की मौजूदगी में ही उन्होंने धमकी दी व दुर्व्यवहार किया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
डीएसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा ने कहा कि कोर्ट के बाहर खड़े कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों को धक्का मारा गया और उन्हें धमकी दी गई। अकाली नेता कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि दोषी पक्ष के लोग हमला कर सकते हैं, इसलिए अगली सुनवाई में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएं।
सिख विरोधी दंगों के गवाह आत्मा सिंह लुबाणा ने कहा कि दोषी पक्ष के लोग धमकी देते हुए नारे लगा रहे थे। कमेटी के लीगल सेल के प्रमुख जसविंदर सिंह जौली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुनियोजित तरीके से सिखों को निशाना बनाया गया।
लोगों को यह कहकर उकसाया गया कि सिख अंगरक्षकों ने प्रधानमंत्री की हत्या की है। किसी एक या दो व्यक्ति की वजह से पूरा कौम कैसे दोषी हो सकता है? राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या नाथू राम गोडसे ने की थी तो क्या इसके लिए सभी गोडसे दोषी हो गए?