अजित के स्वजनों को दुत्कार कर भगा दिया था दिल की पुलिस कही जाने वाली दिल्ली पुलिस ने
अजित के स्वजन ने बताया कि लापता होने के तीन दिन बाद उन्हें अपहरण के बारे में जानकारी मिली थी। वे अपनी फरियाद लेकर न्यू अशोक नगर थाने गए लेकिन दिल वाली पुलिस कही जाने वाली दिल्ली पुलिस ने उन्हें दुत्कार दिया। पुलिस परिवार से थाने के चक्कर लगवाती रही।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। न्यू अशोक नगर में पुलिसकर्मी की बर्बरता का शिकार हुए युवक के स्वजन के लिए भरोसा करना मुश्किल हो रहा है कि अब वह नहीं रहा। अजित के स्वजन ने बताया कि लापता होने के तीन दिन बाद उन्हें अपहरण के बारे में जानकारी मिली थी। वे अपनी फरियाद लेकर न्यू अशोक नगर थाने गए, लेकिन दिल वाली पुलिस कही जाने वाली दिल्ली पुलिस ने उन्हें दुत्कार दिया। पुलिस परिवार से थाने के चक्कर लगवाती रही। यहां तक कि आरोपित पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस ने परिवार को यह नहीं बताया कि अजित जिंदा है या नहीं।
अजित की बहन नीतू का कहना है कि उनके भाई के साथ जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदार पुलिस है। चार जून को अजित कोंडली रोड से सब्जी खरीदने गए थे, उनके पास फोन भी नहीं था। देर रात घर नहीं लौटे तो परिवार ने काफी तलाश की। अगले दिन रिश्तेदारों से फोन करके पूछा कि कहीं उनके घर तो नहीं चले गए। इस बीच अजित के एक दोस्त ने परिवार को बताया कि कार सवार लोगों ने अजित और उसके दोस्त अतुल को बहुत पीटा था। परिवार अतुल से मिला तो उसने बताया कि कुछ लोग कार से आए और दोनों को बहुत पीटा। वह किसी तरह आरोपितों से हाथ छुड़ाकर वहां से भागा। लेकिन वे लोग अजित को ले गए।
उधर, पुलिस ने परिवार पर दबाव बनाया कि अपहरण की जगह गुमशुदगी का केस दर्ज करवाएं, जबकि परिवार ने अतुल को थाने में पेश किया। अतुल ने पूरी वारदात पुलिस को बताई, इसके बाद भी पुलिस का दिल नहीं पसीजा और थाने से उन्हें चलता कर दिया। परिवार ने पुलिस को बताया भी अजित के साथ मारपीट का एक वीडियो वायरल हुआ है, खुद परिवार ने वो वीडियो देखा है। वीडियो में कई लोग उनके साथ मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं। फिर भी पुलिस लापरवाह बनी रही। स्वजन वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिले, लेकिन किसी को यह मामला गंभीर ही नहीं लगा। क्योंकि मामला एक गरीब से जुड़ा था।