घर की छत को सुंदर बगिया में परिवर्तित कर अजय ने लगाए औषधीय पौधे, अब लोगों को दे रहे प्रेरणा
अजय बताते हैं कि उनके पिता एक किसान परिवार से थे। अपनी फौज की नौकरी के दौरान भी आवंटित फौजी क्वार्टर के आंगन में हमेशा कुछ न कुछ उगाते रहते थे। पिता को देख उनके मन में भी पौधों के प्रति लगाव बढ़ता चला गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तीस हजारी कोर्ट में कार्यरत कड़कड़डूमा निवासी अजय कुमार झा ने अपनी छत को सुंदर बगिया में परिवर्तित कर दिया है। उन्होंने अपने 80 गज के क्षेत्रफल वाले फ्लैट की छत पर अलग अलग तरह के फल, फूल, सब्जियों के साथ कई तरह के औषधीय पौधे भी लगाए हुए हैं।
पिता किसान परिवार से रखते हैं ताल्लुक
अजय बताते हैं कि उनके पिता एक किसान परिवार से थे। अपनी फौज की नौकरी के दौरान भी आवंटित फौजी क्वार्टर के आंगन में हमेशा कुछ न कुछ उगाते रहते थे। पिता को देख उनके मन में भी पौधों के प्रति लगाव बढ़ता चला गया। गर्मियों की छुट्टी में गांव जाते तो पूरा समय आम, लीची, केले के लदे हुए बागान, तालाब, नदियां, खेतों के बीच ही रहते थे।
कई औषधीय पौधे बढ़ा रहे अजय की बगिया की शोभा
कोरोना काल में जहां सभी लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए औषधीय पौधे ढूंढ रहे हैं। वहीं, अजय कुमार व उनका पूरा परिवार अपनी छत पर लगे औषधीय पौधों से बने काढ़े का सेवन कर अपनी रोग -प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। उनकी छत पर तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय, एलोवेरा, नींबू, नीम, आंवला आदि औषधीय पौधे हैं।
500 से ऊपर तरह के फूल सब्जियों से महक रही बगिया
वहीं, तरह-तरह के फल, फूल व सब्जियों से उनकी बगिया महक रही है। उन्होंने तोरी, पालक, मेथी, धनिया, टमाटर, अमरूद, अनार आदि उगाए हुए हैं। अजय कुमार ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने सिर्फ दस -बारह गमलों में पौधे लगाकर उनकी देखरेख की और आज पच्चीस तरह के फल, फूल, सब्जियों समेत 500 से ऊपर पौधे उनके घर की शोभा बढ़ा रहे हैं। अजय कुमार से प्रेरित होकर आसपास के पड़ोसी ,मित्र, दफ्तर के सहकर्मियों ने भी अपनी छत पर पौधे लगाने शुरू किए हैं।