डेढ़ सौ से अधिक रूटों पर निजी ट्रेनों के चलाने का एआइआरएफ ने किया विरोध
एआइआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार हर हाल में भारतीय रेल का निजीकरण और उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करना चाहती है। रेलकर्मी बेहतर तरीके से काम कर रहे बावजूद निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने डेढ़ सौ रूट पर निजी ट्रेन चलाने का विरोध किया।
नई दिल्ली, संतोष कुमार सिंह। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) का तीन दिवसीय वार्षिक अधिवेशन बुधवार से शुरू हुआ। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर देशभर से प्रतिनिधि आनलाइन इसमें शामिल होकर रेलवे कर्मचारियों की समस्याएं, रेलवे के कामकाज आदि पर अपनी राय रख रहे हैं। पहले दिन कार्यकारिणी की बैठक हुई।
सरकार भारतीय रेल का निजीकरण करना चाह रही
एआइआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार हर हाल में भारतीय रेल का निजीकरण और उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करना चाहती है। रेलकर्मी बेहतर तरीके से अपना काम कर रहे हैं बावजूद इसके निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने डेढ़ सौ रूट पर निजी ट्रेन चलाने का विरोध किया।
कोरोना में 3500 से अधिक रेलकर्मियों की हुई मौत
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से 35 सौ से ज्यादा रेलकर्मियों की मौत हो गई। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी रेल कर्मी ट्रेन का संचालन कर रहे हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए 63 लाख श्रमिकों को उनके घर पहुचाया गया। आक्सीजन की कमी हुई तो रेलकर्मियों ने देशभर में आक्सीजन पहुंचाया।
वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने पर हो रही बातचीत
पुरानी पेंशन बहाली, वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने, रिक्त पदों को भरने सहित कई मुद्दों पर रेल मंत्रालय व अधिकारियों से बातचीत हो रही है, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। तीन दिनों के अधिवेशन में सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।