वायु प्रदूषण अब केवल सर्दियों तक नहीं, साल भर की समस्या बन रहा; सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

वायु प्रदूषण अब केवल सर्दियों की नहीं बल्कि वर्ष भर की समस्या बनता जा रहा है। खास बात यह कि इसका दायरा भी अब दिल्ली से बड़ा हो गया है। मतलब दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित हवा पड़ोसी राज्यों और एनसीआर की रहने लगी है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 01:41 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 01:41 PM (IST)
वायु प्रदूषण अब केवल सर्दियों तक नहीं, साल भर की समस्या बन रहा; सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
समय और स्थान के पार प्रदूषण का प्रहार

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण अब केवल सर्दियों की नहीं बल्कि वर्ष भर की समस्या बनता जा रहा है। खास बात यह कि इसका दायरा भी अब दिल्ली से बड़ा हो गया है। मतलब, दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित हवा पड़ोसी राज्यों और एनसीआर की रहने लगी है। यही वजह है कि इस साल के शुरुआती छह माह के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश भर के सर्वाधिक प्रदूषित प्रमुख शहरों में आठ उत्तर प्रदेश और हरियाणा के हैं। पंजाब और राजस्थान की हवा भी साफ नहीं रह गई है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी देश ही नहीं, विश्व भर के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार रही है। लेकिन पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन कार्बन कापी और रेस्पायरर लिविंग साइंसेस द्वारा तैयार डेटा विश्लेषण के आधार पर सामने आया है कि दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण अब एनसीआर की हवा में रहने लगा है। राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा के साथ-साथ देश की कोयला राजधानी झारखंड की हवा भी तेजी से खराब हो रही है। इस डेटा विश्लेषण के लिए जनवरी से जून 2021 तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को आधार बनाया गया है।

इसमें सामने आया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएएचओ) द्वारा पीएम 2.5 की सामान्य मात्रा 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर जबकि सीपीसीबी द्वारा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तय की गई है। जबकि डेटा विश्लेषण में जिन शहरों की बात गई है, उन सभी का पीएम 2.5 इससे ज्यादा रहता है।

पीएम 2.5 के लिहाज से 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहर

गाजियाबाद बागपत भिवाड़ी ग्रेटर नोएडा धारूहेड़ा नोएडा सोनीपत फरीदाबाद नारनौल

डेटा विश्लेषण के प्रमुख निष्कर्ष

पंजाब में भटिंडा और रूपनगर को छोड़कर, मानिटर किए गए सभी शहरों में भी पीएम 2.5 की सांद्रता अधिक रही है। यह दर्शाता है कि प्रदूषण केवल उन महीनों की समस्या नहीं है जब राज्य में पराली जलाई जाती है। हरियाणा में शीर्ष 10 प्रदूषित स्थानों में पीएम 2.5 की मासिक औसत सांद्रता 81 से 98 माइक्रोंग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच दर्ज की गई पीएम 10 की सांद्रता 266 और पीएम 2.5 की सांद्रता 115 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के साथ उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। हरियाणा में नारनौल को पीएम 10 की सांद्रता 223 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की मात्रा के साथ 10-वें सबसे प्रदूषित शहर के रूप में रैंक किया गया है। राजस्थान के भिवाड़ी को भी 250 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पीएम 10 सांद्रता के साथ सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में तीसरे नंबर पर शामिल किया गया है।

chat bot
आपका साथी