कोरोना महामारी के बाद से दिल्ली के कुंभकारों के चेहरे पर लौटी खुशी, इस बार दिवाली पर मिट्टी के दीयों में क्या है खास पढ़िए पूरी खबर

प्रजापति कालोनी में उत्साहित कुंभकार यह कहते हुए नजर आते हैं कि ऐसी दीवालों बरसों बाद उनके जीवन में आई है। असल में इस साल अधिक बारिश के कारण कुंभकार दीवाली के लिए दीपक व सजावटी सामान तैयार करने का काम समय पर शुरू नहीं कर पाएं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 02:32 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 02:32 PM (IST)
कोरोना महामारी के बाद से दिल्ली के कुंभकारों के चेहरे पर लौटी खुशी, इस बार दिवाली पर मिट्टी के दीयों में क्या है खास पढ़िए पूरी खबर
मिट्टी के दीयों व सजावटी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पहले कोरोना महामारी और फिर बारिश की मार के कारण इस बार मिट्टी के दीयों व सजावटी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। लेकिन इन सबका खरीदारी पर कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है। इससे कुंभकार व कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं। प्रजापति कालोनी में उत्साहित कुंभकार यह कहते हुए नजर आते हैं कि ऐसी दीवाली बरसों बाद उनके जीवन में आई है। असल में इस साल अधिक बारिश के कारण कुंभकार दीवाली के लिए दीपक व सजावटी सामान तैयार करने का काम समय पर शुरू नहीं कर पाएं। यही कारण है कि इस बार प्रजापति कालोनी में मिट्टी का सामान दुकानों पर कम नजर आ रहा है और जो है, उसमें कुछ भी अलग या हटके नहीं है।

सामान कम होने के कारण मिट्टी के दीयों के दामों में जहां दोगुना उछाल देखने को मिल रहा है तो सजावटी सामान में 50 से 75 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। खुदरा व्यापारी बताते हैं कि पिछले साल मिट्टी की जो मटकी दस रुपये में मिल रही थी, इस साल उसका दाम 25 रुपये है। वहीं, दीपक 30 पैसे में एक मिलता था इस साल वहीं दीपक 60 पैसे से एक रुपये में मिल रहा है। दामों को लेकर कोई थोक कारोबारी मोलभाव करने के मूड में भी इस साल नजर नहीं आ रहे हैं।

अब जब मौसम साफ है, रोजाना खिली-खिली धूप निकल रही है और दीवाली को अभी दस दिन शेष हैं तो कुंभकार व उनका पूरा परिवार चाक पर दीपक बनाने में जी-जान से जुटा हुआ है। कुंभकार बताते हैं कि दीवाली पर डिजाइनर से ज्यादा पारंपरिक दीयों की मांग रहती है। इस साल दीयों के दाम दोगुने हैं, ऐसे में अधिक मुनाफा कमाने के लिए अंतिम समय तक दीये बनाने पर जोर दे रहे हैं। प्रजापति कालोनी में 50 कुंभकार हैं, जो 12 महीने केवल दीये बनाने का काम करते हैं। वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।

शुरू हुआ खरीदारी का दौर: दीपावली के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में लोगों ने तैयारियां पूरे जोरों पर हैं। दीपावली में घरों को सजाने के लिए झालरों, कंडिल, फूल, वंदनवाल, फाउनटेन, फ्लावर पाट, झालर, शोपीस समेत विभिन्न सजावटी सामानों की खरीदारी का दौर शुरू हो गया है। कुल मिलाकर कुम्हार कालोनी में इन दिनों काफी रौनक का माहौल है। दिल्ली के कोने-कोने से दुकानदार यहां दीयो, लक्ष्मी-गणोश की प्रतिमा व सजावटी सामान की खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। रुझान को देखकर कुंभकार खुश हैं। यहां कारीगरों की आंखों में थकान है, लेकिन चेहरे की चमक उनकी खुशी को साफ-साफ बयां कर रही है।

कुंभकार बोले जमकर हो रही खरीदारी इस वर्ष काम पिछले वर्ष के मुकाबले कई गुना अच्छा है। दीवाली के लिए तैयार किए गए मिट्टी के सजावटी सामान की बिक्री हो गई है और अब मैं छठ पूजा के लिए सामान तैयार कर रहा हूं। इस वर्ष अच्छी आय हुई है, जिससे हम खुश हैं। विनोद प्रसाद मिट्टी से बनी कई कलात्मक चीजें पहले गुजरात व बंगाल से मंगाई जाती थी, लेकिन इस बार यहां स्थानीय उत्पादों का अधिक जोर है। कीमतें अच्छी मिल रही हैं। लोग इस बार मिट्टी से बनी वस्तुएं खरीदने में काफी उत्साह दिखा रहे हैं। कमल गोला बारिश के कारण इस बार मिट्टी का सामान उतनी तदाद में तैयार नहीं हुआ है, जितना हर साल होता है। उत्पादन कम होने के कारण दामों में उछाल है और हमें खुशी है कि इस वर्ष अच्छी आमदनी हो रही है। सभी कुंभकार व कारोबारी खुश हैं। कई सालों बाद ऐसी दीवाली आई है। ओम प्रकाश प्रजापति हर साल हमलोग दीवाली से तीन माह पहले काम शुरू करते है और उसे निरंतर जारी रखते हैं। इस बार बारिश के कारण काम शुरू करने में विलंब हुआ, जिससे उत्पादन पहले के मुकाबले कम हुआ। हरियाणा से आने वाली मिट्टी की कीमत में भी उछाल है। विनोद प्रसाद

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