ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव के बाद अब दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के सामने एक और बड़ी चुनौती, जानिए क्या है वो?
एक सर्किल में तैनात इंस्पेक्टर के पास 10 से 13 थानाक्षेत्र का इलाका होता था। नई व्यवस्था के तहत अब दो से तीन थानाक्षेत्र में एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर की तैनाती रहेगी। इसी तरह सुपरविजन के लिए पर्याप्त संख्या में एडिशनल पुलिस कमिश्नर डीसीपी व एसीपी की तैनाती की गई है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पीसीआर को जिला पुलिस के साथ मर्ज करने के बाद अब ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव कर आयुक्त राकेश अस्थाना ने सुधार के लिए बेहतर कदम उठाया है। वाहनों के दबाव के कारण दिल्ली में यातायात जाम बड़ी समस्या है। सुबह, शाम के दबाव के अलावा, निर्माण कार्य व डायवर्जन आदि के कारण आए दिन वाहन चालकों को भारी जाम से परेशानी का सामना करना पड़ता है। यातायात पुलिस में व्यापक स्तर पर किए गए बदलाव से सुधार होने की संभावना जताई जा रही है। यातायात पुलिस में बड़ी संख्या में अधिकारियों की तैनाती से बेहतर निगरानी हो सकेगी।
यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पहले ट्रैफिक के एक सर्किल में तैनात इंस्पेक्टर के पास 10 से 13 थानाक्षेत्र का इलाका होता था। नई व्यवस्था के तहत अब दो से तीन थानाक्षेत्र में एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर की तैनाती रहेगी। इसी तरह सुपरविजन के लिए पर्याप्त संख्या में एडिशनल पुलिस कमिश्नर, डीसीपी व एसीपी की तैनाती की गई है। इससे छोटे-छोटे इलाके पर तमाम वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी रहेगी। इसका फायदा यह होगा कि स्थानीय पुलिस के साथ ट्रैफिक पुलिस बेहतर तालमेल बनाकर काम कर सकेगी। कहीं भी जाम लगने पर उस जगह को तुरंत जाम मुक्त करने का प्रयास किया जाएगा। बेहतर निगरानी से अधिकारी यह निर्णय ले पाएंगे कि कहां और अधिक लाल बत्ती की जरूरत है, कहां लाइटें खराब पड़ी हैं।
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संबंधित एजेंसियों को पत्र भेज उसे भी दूर करने की कोशिश की जाएगी। बोटलनेक वाली सड़कों पर हमेशा यातायात पुलिस की तैनाती की जाएगी। साथ ही यातायात नियम तोड़ने वालों पर सख्ती की जा सकेगी। दिल्ली में बढ़ती यातायात की समस्या को देखते हुए कई बार इस तरह के फैसले लेने की बात उठी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस में कर्मचारियों की कमी के कारण कोई फैसला नहीं लिया जा सका। आयुक्त के सामने नई व्यवस्था के तहत उक्त सभी पदों पर अधिकारियों की तैनाती करने के लिए चुनौती आएगी।
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