डीटीसी की एक हजार बसों के आने पर रोक लगने के बाद यात्रियों की उम्मीद पर पानी
डीटीसी में नौ साल बाद बसें आने की उम्मीद जगी थी उस पर भी विराम लगता दिख रहा है। इस रोक से दिल्ली सरकार का इस सत्र में 2300 नई बसें सड़कों पर उतार देने का लक्ष्य भी पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है।
नई दिल्ली, वी के शुक्ला। डीटीसी की एक हजार लो फ्लोर एसी बसों की खरीद पर रोक लगने से दिल्ली सरकार को तो बड़ा झटका लगा ही है, यात्रियों की उम्मीद पर भी पानी फिर गया है। डीटीसी में नौ साल बाद बसें आने की उम्मीद जगी थी उस पर भी विराम लगता दिख रहा है। इस रोक से दिल्ली सरकार का इस सत्र में 2300 नई बसें सड़कों पर उतार देने का लक्ष्य भी पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है।
बसों का बेड़ा बढ़ाने पर जोर देने की हुई थी बजट में बात
दिल्ली सरकार ने इस वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में बसों का बेड़ा बढ़ाने पर जोर देने की बात कही थी। इसके लिए 1,300 ई-बसें सड़कों पर लाने की तैयारी की जा रही है। इनमें से डीटीसी के लिए 300 ई-बसों के टेंडर हो चुके हैं। ये बसें इसी वर्ष दिसंबर तक सड़कों पर उतर जाने की बात कही जा रही थी।
1000 ई-बसें क्लस्टर स्कीम में आने वाली थी
इसके अलावा 1000 ई-बसें क्लस्टर स्कीम के तहत आनी थी। मगर कोरोना की दूसरी लहर आ जाने से इन बसों को लेकर तीन से पांच माह और देरी की बात कही जा रही है। यानी कि कोई अड़गा नहीं लगता है तो अप्रैल से लेकर मई तक ही इन बसों के आने की उम्मीद है।
दिल्ली में फिलहाल 6693 बसें हैं
इसके अलावा डीटीसी की 1,000 नई एसी बसों के लिए प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, मगर इन बसों को लेकर शुरू हो रही जांच के चलते अब इन बसों के आने में देरी की आशंका है। कब तक जांच पूरी होगी और कब तक ये बसें आ सकेंगी अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हालांकि दिल्ली में पिछले कुछ सालों में 1,600 बसों का काफिला जुड़ा है। दिल्ली में कुछ सालों के अंदर 1,600 बसों का काफिला जुड़ा है। दिल्ली में फिलहाल 6,693 बसें हैं।