15 अगस्त के बाद केजरीवाल सरकार दे सकती है अनलॉक-3 की सबसे बड़ी छूट, लाखों लोगों को मिलेगी राहत

दिल्ली से अलग-अलग राज्यों के लिए कश्मीरी गेट सराय काले खां और आनंद विहार से करीब 6313 बसें चलती हैं। 15 अगस्त के बाद इनके चलने की संभावना है। इससे लाखों यात्रियों को फायदा होगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 09:49 AM (IST)
15 अगस्त के बाद केजरीवाल सरकार दे सकती है अनलॉक-3 की सबसे बड़ी छूट, लाखों लोगों को मिलेगी राहत
15 अगस्त के बाद केजरीवाल सरकार दे सकती है अनलॉक-3 की सबसे बड़ी छूट, लाखों लोगों को मिलेगी राहत

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली से दूसरे राज्यों के लिए बस सेवा 15 अगस्त के बाद शुरू हो सकती है। दिल्ली सरकार अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू करने के लिए कोरोना के हालात की समीक्षा कर रही है। हालांकि, यह बस सेवा तभी शुरू की जाएगी जब इसके लिए दूसरे राज्य भी सहमत होंगे। दिल्ली से अलग-अलग राज्यों के लिए कश्मीरी गेट, सराय काले खां और आनंद विहार से करीब 6313 बसें चलती हैं। ये बसें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के लिए चलती हैं।

ज्यादातर बसों कश्मीरी गेट एवं आनंद विहार बस अड्डा से

इसमें सबसे ज्यादा बसें कश्मीरी गेट व आनंद विहार बस अड्डा से संचालित की जाती हैं। कश्मीरी गेट से प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख और आनंद विहार से एक लाख यात्री आवागमन करते हैं। इसके अलावा करीब 50 हजार यात्री प्रतिदिन सराय काले खां भी पहुंचते हैं।

एसओपी बनाने पर विचार

सूत्रों के मुताबिक परिवहन विभाग ने कुछ दिन पहले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इस बारे में प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, प्राधिकरण ने परिवहन विभाग से यह जरूर कहा है कि जब तक बस अड्डों को नहीं खोला जा रहा है, तब तक परिवहन विभाग बस अड्डों के संचालन के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) बना लें।

राजस्थान से काफी पहले मिला था अनुरोध

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अभी दूसरे राज्यों से बसों के संचालन के लिए कोई अनुरोध पत्र नहीं मिला है। राजस्थान से काफी पहले अनुरोध पत्र मिला था। इसके बाद कोई चर्चा नहीं हुई है। सुधरते हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार इसे लेकर तैयारी कर रही है। 15 अगस्त के बाद इस बारे में विचार किया जाएगा, लेकिन तीन से चार राज्यों के रुचि दिखाने पर ही बस अड्डों को खोला जा सकेगा।

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