भविष्य की जरूरतों के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली आवश्यकः वैंकैया नायडू
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने भविष्य की जरूरतों के लिए एक मजबूत और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत और दुनिया के लिए कोरोना टीका विकसित करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आइसीएमआर) को बधाई दी।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। डीयू के विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय (यूसीएमएस) के दीक्षा समारोह का आयोजन शनिवार को विज्ञान भवन में किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने भविष्य की जरूरतों के लिए एक मजबूत और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत और दुनिया के लिए कोरोना टीका विकसित करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को बधाई दी।
हर जिला स्तर पर नए मेडिकल कालेज विकसित करने की आवश्यकता
नायडू ने स्वास्थ्य क्षेत्र में डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए हर जिला स्तर पर नए मेडिकल कालेज विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। नायडू ने मोदी सरकार की योजना आयुष्मान भारत से मरीजों को मिलने वाले लाभ और इलाज के लिए जेब से खर्च पर मरीजों की निर्भरता कम करने के लिए भी कहा। उन्होंने 2025 तक स्वास्थ्य देखभाल खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के ढाई फीसद तक बढ़ाने और भारतीय शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली के स्वदेशीकरण को भी जरूरी बताया।
पुरस्कार जीतने के लिए महिला डाक्टरों की सराहना की
उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए ई-स्वास्थ्य सेवा को महत्वपूर्ण बताया। इस दौरान नायडू ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों के लिए मेडिकल छात्रों और डाक्टरों को मेडल और पुरस्कार वितरित किए। साथ ही चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन और कई सारे पुरस्कार जीतने के लिए महिला डाक्टरों की सराहना की।
वहीं, कार्यक्रम के अध्यक्ष डीयू कुलपति प्रो.पीसी जोशी ने एमबीबीएस, एमडी और एमएस बैच पास करने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को डिग्रियां वितरित की। इस दौरान आइसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव, यूसीएमएस के प्रधानाचार्य प्रो. एके जैन और डीयू में डीन आफ कालेजेज डा. बलराम पाणि भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि यूसीएमएस अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में है।