डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से प्रशासन चिंतित, पूर्वी दिल्ली में 200 से अधिक स्टाॅफ कोरोना की चपेट में

पूर्वी शाहदरा और उत्तरी पूर्वी में 200 से अधिक डाॅक्टर स्वास्थ्यकर्मी और शिक्षक संक्रमित हैं। यह वह लोग हैं जिनकी ड्यूटी प्रशासन ने कोराेना जांच और टीकाकरण में लगाई हुई थी। स्टाफ संक्रमित होने से दोनों सेवाओं पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 04:09 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 04:09 PM (IST)
डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से प्रशासन चिंतित, पूर्वी दिल्ली में 200 से अधिक स्टाॅफ कोरोना की चपेट में
डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों का नहीं है कोई विकल्प मौजूद।

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। कोरोना अपना कोहराम मचा रहा है। काेरोना की चपेट में आने से डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लगातार संक्रमित होते जा रहे हैं। दिन बा दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ने से प्रशासन चिंतित हो गया है। डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों का कोई विकल्प भी मौजूद नहीं है। इनके संक्रमित होने की वजह से कोरोना जांच और टीकाकरण के साथ ही अस्पतालों में मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है।

अन्य लोगों पर बढ़ा काम का दबाव

पूर्वी, शाहदरा और उत्तरी पूर्वी में 200 से अधिक डाॅक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और शिक्षक संक्रमित हैं। यह वह लोग हैं जिनकी ड्यूटी प्रशासन ने कोराेना जांच और टीकाकरण में लगाई हुई थी। स्टाफ संक्रमित होने से दोनों सेवाओं पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है, जो लोग बचे हैं उनपर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है।

शिक्षकों को मिली है होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की देखरेख का जिम्मा

उत्तर पूर्वी जिले के एक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि कई डिस्पेंसरी के डाक्टरों की ड्यूटी टीकाकरण केंद्र और कोरोना जांच में लगाई गई है, जबकि शिक्षकों को होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों की देखरेख का जिम्मा सौंपा हुआ है। पिछले दस दिनों में तेजी से डाॅक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और शिक्षक संक्रमित हुए हैं। संक्रमित होने पर उन्हें आइसोलेट किया गया है, उनकी जगह भर नहीं पा रही है, क्योंकि उनका कोई विकल्प मौजूद नहीं है। किसी दूसरे अस्पताल से उनकी जगह किसी डाॅक्टर को बुलाते हैं तो वहां भी स्थिति पहले से ही ऐसी ही है। कोरोना जांच करने वाला ही जब संक्रमित हो रहा है तो जांच रिपोर्ट कैसे समय पर मिल जाएगी, कोरोना की रिपोर्ट आने में पांच से छह दिन का समय लग रहा है।

टीकाकरण का अगला फेज होगा चुनौतियों से भरा

प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है कि एक मई से 18 से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण करना, क्योंकि इनकी संख्या 45 से अधिक उम्र वाले लोगों से कही ज्यादा है। प्रशासन के अधिकारियों ने सरकार से अपील की वह ऐसी कोई व्यवस्था करें, जिससे अगर कोई डाॅक्टर या स्वास्थ्कर्मी संक्रमित हो जाए तो टीकाकरण और कोरोना जांच पर कोई फ्रक न पड़े।

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