Air Pollution: वादे पूरे करने के लगते नहीं इरादे, ग्रेप लागू होने के बाद भी प्रदूषण से लोग परेशान

Air Pollution in Delhi दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बावजूद बढ़ता वायु प्रदूषण बड़ा मुद्दा है। नियम-कायदे तमाम बन रहे हैं लेकिन उन पर पालन करने वाली एजेंसियां निष्क्रिय नजर आ रही हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 03:10 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 03:10 PM (IST)
Air Pollution: वादे पूरे करने के लगते नहीं इरादे, ग्रेप लागू होने के बाद भी प्रदूषण से लोग परेशान
ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान लागू, लेकिन जगह-जगह सड़कों पर उड़ती धूल

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बावजूद बढ़ता वायु प्रदूषण बड़ा मुद्दा है। नियम-कायदे तमाम बन रहे हैं, लेकिन उन पर पालन करने वाली एजेंसियां निष्क्रिय नजर आ रही हैं। चिंताजनक यह भी कि सरकारी स्तर पर इस प्रदूषण से निपटने के लिए योजनाएं तो कई बन रही हैं, लेकिन उनके क्रियान्वयन को लेकर गंभीरता कहीं नजर नहीं आती।

मतलब साफ है कि वादे तो खूब किए जा रहे हैं, लेकिन नियम लागू करने के इरादों में कमी है। ग्रेप के प्रविधान लागू करने के लिए राज्य सरकारों से लेकर स्थानीय निकाय तक सभी बराबर जिम्मेदार हैं।

परिवहन विभाग, पर्यावरण विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन, रेलवे, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जिला प्रशासन इत्यादि सभी की अहम भूमिका है, लेकिन हकीकत में इनमें आपस में ही कोई तालमेल नहीं है। इसी का नतीजा है कि जहां-तहां ग्रेप के मानकों का खुला उल्लंघन देखा जा सकता है।

दिल्ली में यहां हो रही लापरवाही

ग्रेप के नियमों की अनदेखी दिल्ली तक में देखी जा रही है। प्रगति मैदान में रविवार से अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला शुरू होने जा रहा है, जबकि यहां सुरंग के निर्माण कार्य में खासतौर पर धूल उड़ती रहती है। उत्तरी-बाहरी दिल्ली में मधुबन चौक से वजीरपुर तक पीडब्ल्यूडी का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें चलते वहां दिन-रात धूल उड़ती रहती है। खुले में भवन निर्माण सामग्री रखने और कूड़ा जलाने पर रोक लगी हुई है, इसके बावजूद चोरी छिपे कूड़ा जलाया जा रहा है। सड़कों पर खुले में पड़ी भवन निर्माण सामग्री को ढककर रखने के निर्देश हैं, लेकिन न तो जिला प्रशासन और न ही नगर निगम इस आदेश को गंभीरता से ले रहा है। सड़कों पर पड़ी भवन निर्माण सामग्री हवा में प्रदूषण घोल रही है। जहां-तहां वाहन भी धुआं छोड़ते चलते रहते हैं।

गुरुग्राम में मलबा फेंकने वालों का एक भी चालान नहीं हुआ इधर-उधर

मलबा फेंकने वालों का एक भी चालान नहीं हुआ है। सड़कों की सफाई झाडू से की जा रही है। सड़कों पर पानी का छिड़काव कहीं-कहीं ही किया जा रहा है। किसी भी तरह के निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री को ढककर नहीं रखा जा रहा। मानेसर में खुले में कचरा जल रहा है, आठ लोगों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। ग्रेप का उल्लंघन करने वालों से नगर निगम चालान की 3.41 करोड़ की राशि वसूल नहीं पाया है।

नोएडा में निर्माण कार्य खुलेआम चल रहा

शहर में सड़क, पार्क और भवन का निर्माण कार्य खुलेआम चल रहा है। प्राधिकरण द्वारा भंगेल एलिवेटेड, पर्थला गोलचक्कर, अंडरपास निर्माण और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे सहित अन्य निर्माण कार्यों में भी ग्रेप के नियमों का उल्लंघन जारी है। प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारी नियमों का पालन करने के बजाय अपनी सुविधा अनुसार कार्य कर रहे है। सड़कों पर धूल उड़ना, कचरे में आग लगाना और सड़क किनारे मिट्टी व कंक्रीट का मलबा बिखरा होना आम बात है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ग्रेप के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर और सख्ती बरती जाएगी। खुले में कचरा जलाने के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। धूल निरोधक अभियान भी फिर से शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा भी दिल्ली सरकार प्रदूषण की रोकथाम के लिए हर संभव उपाय कर रही है।

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