Delhi Violenceः गवाहों के बयान पर कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज

गत वर्ष 25 फरवरी को मुख्य करावल नगर रोड पर ई-रिक्शा गोदाम में लूटपाट करने के बाद दंगाइयों ने उसमें आग लगा दी थी। शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि ताहिर हुसैन ने 40-50 लोगों ने गोदाम में आग लगाई थी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 04:39 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 04:39 PM (IST)
Delhi Violenceः गवाहों के बयान पर कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित को जमानत देने से इन्कार कर दिया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दंगे के दौरान खजूरी खास इलाके में लूटपाट के बाद ई-रिक्शा गोदाम में आग लगाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित फिरोज की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपित के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। दो गवाहों ने आरोपित को पहचानते हुए बयान दिया है कि वह दंगाई भीड़ में शामिल था। ऐसे में गवाहों के बयानों को दरकिनार नहीं किया जा सकता। पुलिस कर्मियों ने भी बयान में कहा कि मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन के साथ आरोपित सांप्रदायिक तौर पर लोगों को दंगे के लिए भड़का रहा था। ऐसे में उसे जमानत देना ठीक नहीं है।

गत वर्ष 25 फरवरी को मुख्य करावल नगर रोड पर ई-रिक्शा गोदाम में लूटपाट करने के बाद दंगाइयों ने उसमें आग लगा दी थी। शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि ताहिर हुसैन ने 40-50 लोगों ने गोदाम में आग लगाई थी। इस मामले में आरोपित फिरोज को भी गिरफ्तार किया गया था। उसने हाल में जमानत के लिए अर्जी दायर की थी।

अर्जी पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट में आरोपित के वकील ने कहा कि फिरोज को गलत फंसाया गया है। उसके खिलाफ एक भी वीडियो फुटेज नहीं है। न ही ऐसा कोई साक्ष्य है, जिसकी कानूनी मान्यता हो। वरिष्ठ लोक अभियोजक ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला काफी संवेदनशील है।

साजिश के तहत दंगों को अंजाम दिया गया, ताकि लोगों में खौफ पैदा किया जा सके। कोर्ट को बताया कि फिरोज आइबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में भी आरोपित है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित को जमानत देने से इन्कार कर दिया। बता दें, दिल्ली दंगे में नाम आने के बाद आप ने ताहिर हुसैन को निलंबित कर दिया था।

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