ओलंपियन सुशील कुमार की मुश्किल बढ़ी, क्या सरकारी नौकरी भी जाएगी; फैसला दिल्ली सरकार के हाथ

Olympian Sushil Kumar News सुशील पहले रेलवे में नौकरी करता था। कुछ साल पहले डेपुटेशन पर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में आ गया है। दिल्ली सरकार को लिखित में जानकारी दे दी गई है। अब यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह उसे नौकरी से हटाती या नहीं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 08:14 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 08:14 AM (IST)
ओलंपियन सुशील कुमार की मुश्किल बढ़ी, क्या सरकारी नौकरी भी जाएगी; फैसला दिल्ली सरकार के हाथ
Olympian Sushil Kumar News:ओलंपियन सुशील कुमार की मुश्किल बढ़ी, सरकारी नौकरी से भी निकाले जाएंगे; फैसला दिल्ली सरकार के हाथ

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड का मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। दिल्ली पुलिस सुशील के स्वजन के संपर्क में है और सुशील को समर्पण के लिए समझाने को कहा जा रहा है। इसके अलावा स्वजन को पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है सुशील के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस व गैर जमानती वारंट निकल चुका है। ऐसे में दिल्ली पुलिस सुशील की संपत्ति जब्त करने के साथ अन्य कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है।

इस बीच दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ओलंपियन सुशील पहलवान को लेकर दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दे दी गई है। पत्र में कहा गया है ओलंपियन सुशील कुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज है। सुशील पहले रेलवे में नौकरी करता था। कुछ साल पहले डेपुटेशन पर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में आ गया है। दिल्ली सरकार को लिखित में जानकारी दे दी गई है। अब यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह उसे नौकरी से हटाती या नहीं।

यहां पर बता दें कि 4 मई की रात को दिल्ली के नामी छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोपित सुशील कुमार अपने साथियों के सात साथी फरार है, हालांकि पुलिस ने घटना के कुछ देर बाद ही एक आरोपित प्रिंस दलाल को दबोच लिया था। इसके अलावा आरोपितों की नौ कार जब्त की जा चुकी हैं। स्वजन ने लगाया पुलिस पर आरोपसागर के स्वजन का आरोप है कि घटना पुलिस सुशील और अन्य आरोपितों को बचाने की कोशिश कर रही है, इसलिए घायल चश्मदीदों का बयान न लेकर पुलिस ने थाने की डायरी में दर्ज डीडी इंट्री के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है। जानकारों का कहना है कि इससे आगे कहीं न कहीं आरोपितों को जमानत मिलने में लाभ मिल सकता है।

यह बताया चश्मदीदों ने

चश्मदीद भक्तु और अमित छत्रसाल स्टेडियम में रहकर ही अभ्यास करते हैं, जबकि सोनू सुबह शाम अभ्यास करने आता है। घटना वाली रात वह स्टेडियम में ही रुका था। गोलियां चलने की आवाज सुनकर तीनों मौके पर पहुंचे तो देखा सागर को गोली लगी थी और सुशील व उसके साथी सागर की पिटाई कर रहे थे। तीनों ने बीच-बचाव की कोशिश की तो उनके साथ भी मारपीट की गई। इसके बाद सुशील व साथी मौके से फरार हो गए।

एक चश्मदीद कोविड पाजिटिव इसलिए बयान दर्ज कराने में देरी बीते शनिवार को तीनों चश्मदीद के धारा 161 तहत जांच अधिकारी ने माडल टाउन थाने में बयान दर्ज किए। हालांकि इन्हें महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, क्योंकि बयान पर केवल जांच अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं गवाहों के नहीं। कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान कराने पर केस के लिए मजबूत साक्ष्य माना जाएगा। पुलिस सूत्रों की मानें तो अमित के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण कोर्ट में बयान नहीं कराए जा सके हैं। वहीं इस मामले पर संयुक्त आयुक्त का कहना है कि तीनों के जल्द ही कोर्ट में बयान कराए जाएंगे।

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