चक्रासन पुश-अप्स में अभिनव ने बनाया इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड

अभिनव ने बताया कि वह अब अपना अगला रिकार्ड सुप्तवज्रासन में बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे है। योग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे अभिनव बताते हैं कि आठ वर्ष पहले कमर में चोट के कारण उनका दौड़ना बंद हो गया और वे तनाव में आ गए।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 06:35 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 06:35 PM (IST)
चक्रासन पुश-अप्स में अभिनव ने बनाया इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड
योग करने वाले हमेशा चुस्त-दुरुस्त रहते हैं।

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। एक मिनट में 109 चक्रासन पुश-अप्स कर द्वारका सेक्टर-चार निवासी 21 वर्षीय अभिनव ने इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा बड़ी कामयाबी हासिल की है। बीते आठ वर्ष से योगासन में अभ्यास के बाद यह कामयाबी अपने नाम कर अभिनव ने परिवार का मान बढ़ाया है। अब बिना रुके अभिनव ऐसे ही और नए रिकार्ड भी अपने नाम करने की दिशा में निरंतर अभ्यास कर रहे हैं।

अभिनव ने बताया कि वह अब अपना अगला रिकार्ड सुप्तवज्रासन में बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। योग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे अभिनव बताते हैं कि आठ वर्ष पहले कमर में चोट के कारण उनका दौड़ना बंद हो गया और वे तनाव में आ गए। उन्हें लगा कि उनका एक अच्छा एथलीट बनने का सपना अब कभी पूरा नहीं होगा। पर इस दौरान वे योग से जुड़े।

हालांकि शुरुआत में योगासन करने में उन्हें काफी परेशानी हुई पर धीरे-धीरे उनका योग से एक गहरा लगाव हो गया। योग की मदद से न सिर्फ उन्होंने अपनी चोट को दुरुस्त किया बल्कि मानसिक तनाव से भी मुक्ति प्राप्त की। अभिनव बताते निरंतर अभ्यास के दौरान कई लोगों से उनकी मुलाकात हुई जिनसे उन्हें याेगासन में रिकार्ड बनाने की जानकारी प्राप्त हुई। 15 अगस्त को उन्होंने चक्रासन पुश-अप्स में रिकार्ड बनाने के लिए अपना वीडियो शूट किया था और अच्छी बात यह है कि उनका पहला ही प्रयास कामयाब रहा।

पढ़ाई का रहा दबाव

आमतौर पर माता-पिता बच्चे को खेलकूद व अन्य गतिविधियों के बजाय आज भी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दबाव बनाते है। कुछ यही समस्या अभिनव के साथ भी थी। अभिनव बताते हैं कि माता-पिता ने हमेशा पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। पर उन्हें योगासान में नाम अर्जित करना था।

मानसिक एवं शारीरिक तौर पर रखता है चुस्त-दुरुस्त

ऐसे में वे पढ़ाई के साथ मौका मिलने पर योगासन को भी समय देते। आज इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड अपने नाम करने के बाद अभिनव के माता-पिता न सिर्फ गौरवान्वित महसूस कर रहे है बल्कि वे अब खुद अभिनव के साथ रोजाना सुबह योगासन करते हैं, ताकि अभिनव का हौसला बढ़े। अभिनव के छोटे भाई-बहन को भी उन पर गर्व है। अभिनव बताते हैं कि प्रधानमंत्री की फिट इंडिया मुहिम को सफल बनाने के लिए योग बहुत जरूरी है। यह शारीरिक व मानसिक रूप से व्यक्ति को चुस्त-दुरुस्त रखता है।

chat bot
आपका साथी