AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा- MCD ने दुकानों को सील करके व्यापारियों को परेशान किया

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के दौरान वोट मांगने के लिए 100 मार्केटों का कन्वर्जन शुल्क माफ करने की घोषणा की थी लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 09:54 AM (IST)
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा- MCD ने दुकानों को सील करके व्यापारियों को परेशान किया
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी द्वारा व्यापारियों को कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क जमा करने के लिए नोटिस भेजे जाने का कड़ा विरोध किया है। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के दौरान वोट मांगने के लिए 100 मार्केटों का कन्वर्जन शुल्क माफ करने की घोषणा की थी। भाजपा ने जगह-जगह होर्डिंग्स लगाकर व्यापारियों को बधाई भी दी थी, लेकिन अब भाजपा शासित एमसीडी कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क जमा करने की नोटिस भेज रही है। दुकानों को सील करके व्यापारियों को परेशान किया गया, उनके काम-धंधे चैपट हो गए और लोग सड़क पर आ गए।

बृहस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा -181 मुहिम के तहत भाजपा की लूट की पांचवीं स्कीम पर उन्होंने कहा कि बाजारों में कन्वर्जन चार्ज लगाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद विभिन्न मार्केटों जिनमें ग्रेटर कैलाश-1 एम ब्लॉक मार्केट, ग्रीन पार्क मार्केट, हौज खास मार्केट, डिफेंस कॉलोनी मार्केट ग्रेटर कैलाश-2 मार्केट, कैलाश कॉलोनी मार्केट शामिल हैं। यह सभी मार्केट लोकल शॉ¨पग सेंटर कहलाती हैं। इन सभी बाजारों में भाजपा की नगर निगम ने जबरदस्ती दुकानों की सी¨लग शुरू की और दुकानदारों से लाखों रुपए कन्वर्जन चार्ज के रूप में मांगे, जो की पूरी तरह गैरकानूनी था। पत्रकार वार्ता में उनके साथ पार्टी प्रवक्ता घनेंद्र भारद्वाज भी मौजूद रहे।

दे रहे हैं भ्रष्टाचार को बढ़ावा

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केवल रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की मंशा से भाजपा शासित नगर निगम द्वारा यह नोटिस व्यापारियों को भेजे जा रहे हैं। नगर निगम को मालूम है कि वह बाजारों से कन्वर्जन चार्ज ले ही नहीं सकते, यह वैध ही नहीं है। नोटिस का डर दिखा कर व्यापारियों को धमकाया जा रहा है और व्यापारियों से मोटी रकम वसूलने के लिए यह सब ड्रामा किया जा रहा है।-समाप्त, संजीव गुप्ता 26 नवंबर 2020

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